बोकारो जिला से सुमंत कुमार मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते हैं कि पंचायती राज व्यवस्था का सबसे पहले शुरुआत राजस्थान के नागोड़ से हुआ था।पंचायती राज के चुनाव से जनता को यह उम्मीद थी कि अब गाँवों में सर्वांगीण विकास होगा।लेकिन परिस्थिति पूर्णतः ही विपरीत है।पंचायत प्रतिनिधि अपने दायित्वों से पूरी तरह विमुख हैं।पंचायत प्रतिनिधि गावँ के विकास हेतु आयी राशि का प्रयोग अपने निजी स्वार्थ पूर्ति हेतु करते हैं।ये अधिकारी आपस में ही कागजी हेर-फेर कर करोड़ो की प्रदत राशि को मेल-जोल से गमन कर लेते हैं।