विद्यापतिनगर। इस समय पूरी दुनिया में लोग तनाव, अवसाद और संघर्ष का सामान कर रहे हैं, सभी लोग और अधिक पाने की कामना मैं लगे रहते हैं, जिस कारण प्राणी सुख की चाहत में और अधिक दुखी हो जाता है, उक्त बातें शनिवार को प्रखंड अंतर्गत मऊ बाजार में चल रहे राम कथा के पांचवें दिन कथा व्यास साध्वी मंजू लता ने उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि मानव को यदि सुख चाहिए तो उन्हें संत के शरण ने जाना चाहिए, यदि आप संत नहीं बन सकते हैं, तो संतोषी बन जाओ। संतोष से ही सभी समस्याओं का अंत है। संतोषी मानव को कभी कष्ट का अनुभव नहीं होता है। उन्होंने कहा कि आज सारी समस्याओं का जड़ प्राप्त और पर्याप्त दो शब्दों के बीच फंसा हुआ है। यदि मानव प्राप्त सुख को ही पर्याप्त समझ ले, तो उसके जीवन के सभी समस्याओं का अंत हो जाएगा और वह सुखी हो जाएगा। श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर के आठवें वार्षिकोत्सव के उपलक्ष्य में आयोजित सात दिवसीय रामकथा के पांचवें दिन शनिवार को कथा श्रवण करने के लिए भक्तों का जनसैलाब उमड़ पड़ा। इस दौरान खचाखच भरे पंडाल में साध्वी मंजू लता ने राम के जीवन के विभिन्न प्रसंगों को विस्तार से समझाते हुए लोगों को मर्यादा में रहने का पाठ पढ़ाया। इस दौरान एक से बढ़कर एक सुन्दर भजनों को सुन श्रोता भावविभोर होते रहे। मौके पर यजमान नवीन सिंह, राजेश जायसवाल, विनोद कुमार झा, राज देव राय, गौतम शर्मा, प्रेम कुमार, पूजा समिति के अध्यक्ष सुनील साह, सचिव अर्जुन सुजीत गुप्ता आदि मौजूद थे।