विद्यापतिनगर। प्रखंड अंतर्गत मऊ बाजार में स्थित पुरानी दुर्गा मंदिर में चल रहे प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव के पांचवें दिन बुधवार को श्रीमद् देवी भागवत कथा के दौरान व्यासपीठ से कथा वाचन करते हुए आचार्य योगेश प्रभाकर जी महाराज ने कहा कि किसी भी यज्ञ के तीन आधार स्तम्भ होते हैं, जिनके द्वारा अनुष्ठान संपन्न होता है, ये है गाय, साधू और ब्राह्मण। जब-जब असुर शक्ति प्रभावी होती है, वह सबसे पहले इन्हीं स्तंभों को मिटाने की कोशिश करता है। उन्होंने कहा कि यज्ञ के लिए गाय सबसे महत्वपूर्ण है, क्योंकि गाय के घी से जब हवन-पूजन किया जाता है, तब देवता प्रसन्न होते हैं। वहीं ब्राह्मणों के द्वारा ही वैदिक रीति-रिवाज से यज्ञ संपन्न कराया जाता है, जिसमें साधु की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। कथा व्यास आचार्य योगेश प्रभाकर ने कहा कि दैत्य महिशासुर के द्वारा भी यज्ञ में विघ्न पहुंचाने का प्रयास किया गया था, जिसका वध माता के द्वारा किया गया। इसीलिए दैत्यों के अंत के लिए यज्ञ का आयोजन आवश्यक है। इससे पूर्व यजमान पद्माकर सिंह लाला व उनकी धर्मपत्नी सोनी सिंह ने विधिवत पूजन तथा आरती की। कथा की समाप्ति से पूर्व माता का प्रादुर्भाव हुआं। इस अवसर पर बड़ी संख्या में उपस्थित श्रद्धालुओं ने अपने मोबाइल की बत्ती जला कर माता की आरती की तथा उनका आशीर्वाद लिया। उधर वसंत पंचमी के कारण व्यासपीठ से होली उत्सव भी मनाया गया, जिस पर देर तक लोग झूमने रहे। मौके पर समिति के सभी सदस्य एवं कार्यकर्ता मौजूद थे।