विद्यापतिनगर। जिले में कड़कड़ाती ठंड में भी राजनीतिक पारा अपने चरम पर है। प्रखंड प्रमुख और उप प्रमुख के अविश्वास प्रस्ताव को लेकर सरगर्मी तेज है। प्रखंड प्रमुख और उप प्रमुख के अविश्वास को लेकर जिले के कई प्रखण्डों की राजनीत चरम सीमा पर है। विद्यापतिनगर प्रखंड प्रमुख और उप प्रमुख के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है। 21 सदस्यीय पंचायत समिति के 8 सदस्यों ने प्रखंड प्रमुख रूबी कुमारी और उप प्रमुख मृत्युंजय कुमार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का पत्र कार्यपालक पदाधिकारी सह बीडीओ को सौंपा है। अविश्वास प्रस्ताव के पत्र में पंचायत समिति सदस्यों ने पंचायत समिति की विशेष बैठक बुलाने की मांग की है। पंचायत समिति सदस्यों ने प्रमुख और उप प्रमुख पर बिंदुवार अलग-अलग आरोप लगाए हैं।प्रखंड प्रमुख पर पंचायत समिति की नियमित बैठक नहीं करने, पिछले दो वर्षों में चार से पांच बैठक ही बुलाने, पंचायत समिति के कार्यों का प्रभावी क्रियान्वयन के लिए अधिनियम की धारा 50 में वर्णित स्थाई समिति का गठन खानापूर्ति के लिए करने, स्थाई समिति को स्वतंत्र रूप से कार्य नहीं करने देने, मनरेगा, प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना और बाल विकास परियोजना में नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए खुलेआम हो रही लूट खसौट पर रोक लगाने में नाकाम रहने,15 वीं वित्त आगोग मद में प्राप्त राशि से पंचायत समिति क्षेत्र में योजना असमान रूप से चयनित करने व राशि की जानकारी से सदस्यों को वंचित रखने आदि के आरोप लगाए गए हैं। जबकि उप प्रमुख पर आरोप लगाया गया है कि प्रमुख के कर्तव्यहीनता के बाद उप प्रमुख की जिम्मेदारी बनती है कि वह उनकी भरपाई करते हुए सदस्यों को विश्वास में लेकर आवश्यक कार्य अपने स्तर से करें लेकिन वह इसमें पूरी तरह नाकामयाब रही है। उप प्रमुख की प्रखंड कार्यालय में उपस्थित नहीं रहते है और वह अपने कर्तव्यों के प्रति गंभीर नहीं है। प्रमुख की भांति ही उप प्रमुख सदस्यों के साथ तानाशाही रवैया अपनाती हैं। इससे समिति सदस्य उपेक्षित व अपमानित महसूस कर रहे हैं।बीडीओ को दिए अविश्वास प्रस्ताव के पत्र में पंचायत समिति सदस्य कृष्णा देवी, मनीषा कुमारी, शम्भू राम, रामलखन साह, विवेकानंद राम, राजकुमार दास, पूजा कुमारी, अमृता कुमारी के हस्ताक्षर हैं।