जांच एजेंसी निष्पक्ष रूप से काम करना चाहिए।इसको स्वतंत्र रूप से काम करने देना चाहिए।जिससे सही रूप से भ्रष्टाचार में लिप्त लोगो,नेताओ पर कारवाई हो सके।आज कल सत्ताधारी दल के दवाब में कही न कही जांच एजेंसी चाहे वह ईडी सीबीआई जो हो वह काम करती है।इसका उदाहरण है की सिर्फ विपक्ष के नेताओ पर ही क्यों कारवाई होती है ।चाहे वह कांग्रेस की सरकार हो या बीजेपी की दोनो दवाब की राजनीति में यह सब करते है।जो सही नही है।खास कर जहां चुनाव होने वाला हो वहा कारवाई विपक्ष पर की जाती है।यह एक तरह से गलत है।जांच एजेंसी निष्पक्ष रूप से भ्रष्टाचारियों पर कारवाई करे ।मेरा मानना है ये सरकार के अधीन या दवाब में नहीं होना चाहिए।जांच एजेंसी को उच्च न्यायालय के अंदर दे देना चाहिए।जिससे भ्रष्टाचार पर सही से कारवाई हो।वही किसी राजनीति के तहत कोई कारवाई नही हो सकेगा।जिससे किसी को यह कहने का मौका नहीं रहेगा की सरकार के दबाव में जांच एजेंसी काम करती है।