गांधी जयंती से एक दिन पूर्व लोक तंत्र के चौथे स्तंभ मीडिया के एक संस्थान पर रेड की गई।जिसमें संस्थान के शामिल मीडिया कर्मी से पूछताछ भी की गई।ये आज कल आम प्रचलन बनता जा रहा है।जब कोई मीडिया संस्थान सरकार के सुर में सुर नही मिलाती है या लोगो की आवाज को बुलंद करती है तो ऐसी कारवाई सरकार द्वारा किया जाता है।ये कही से सही नही है।मीडिया लोक तंत्र का मजबूत पिलर है।इसको स्वतंत्र ही बने रहने दो।इसको पंगु बनाने के लिए सरकार इस तरह की हरकत करती है जो जायज नहीं है।इसको लेकर देश के सर्वोच्च न्यायालय को आगे आना चाहिए ।और मीडिया की स्वतंत्रता कायम रहे इसके लिए कोई ठोस निर्णय की जरूरत है नही तो आने वाले दिनों में मीडिया को पंगु बनाने के लिए आने वाली सरकार भी विरोध में खबर चलाने पर कारवाई करती रहेगी।जो स्वस्थ देश,समाज के लिए सही नही है।