समस्तीपुर के ताजपुर कस्बा में जन संवाद के दौरान प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि बिहार में पत्रकारों की हालत वो है कि आप सबका दुख लिख सकते हैं अपना दुख छोड़कर। आज पत्रकारों की जो दुर्दशा है बिहार में वो बहुत खराब है। हम यहां एक साल से बिहार में घूम रहे हैं और पत्रकारों से मिल रहे हैं और ये दिख रहा है।