खजौली,मधुबनी से रामाशीष सिंह जी मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है कि बिहार सरकार के कार्यालयो में सुचना के अधिकार 2005 के तहत मांगी गयी जानकारियो के लिए सम्बंधित पदाधिकारी गंभीर नहीं है ,उन्हें शर्म का कोई भय नहीं,वे समझते है कि अगर वो उसका जवाब नहीं देंगे तो कानून उनका क्या बिगाड़ लेगा। एक आई.टी.आई आवेदन भेजने में न्यूनतम 50 रु खर्च है। गरीब जनता इस हालत में इस समस्या को कैसे दूर करे ।लोग सुचना पदाधिकारी आवेदन पत्रो को दबा देते है तथा जवाब देने में गंभीरता नहीं बरखते। इस कारण इसका उपयोग धीरे-धीरे कम हो रहा है।इस पर विचार करने की आवश्यक है।