सिंहवाङा - दरभंगा । हज को लेकर हाजियों के काफिले का जत्था निकलना शुरू हो गया है। ग्रामीणों ने हज यात्रियों से मुलाकात कर हाजियों को हज की यह पवित्र यात्रा के लिए शुभकामनाएं दी। हज की पवित्र यात्रा कम से कम एक बार जीवन में सभी को जरुर करनी चाहिए।यह कोई आम जगह नहीं है। सबसे खास और पवित्र स्थल है।किस्मत के जो लोग धनी होते हैं , उन्हें ही मक्का-मदीना जाने का एक सुनहरा मौका मिलता है। जीवन में यह एक खास मौका किस्मत वालों को मिलता है।हाजियों की टोली को क्षेत्र के बहुआरा बुजुर्ग गांव में शुक्रवार को विदाई देने के लिए बङी संख्या में ग्रामीणों का जमावड़ा देखने को मिला। हज को जाने वाले हज यात्रियों के बीच भी इस पवित्र यात्रा को लेकर उत्साह देखने को मिला। ग्रामीणों के आंखो से खुशी के इस क्षणों में विदाई देते समय आंसू छलक पङे और उपस्थित लोग भावुक हो गए। यह खास मौके पर सभी ग्रामीणों ने इसमें शामिल होकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हुए शेल्फी विडियो बनाकर इसे यादगार बनाया। बङी संख्या में ग्रामीणों की मौजूदगी देखने को मिली। बहुआरा बुजुर्ग निवासी स्वर्गीय मो० ग्यासुद्दीन के पुत्र हाफिज अशफाक सिद्दीकी ( उम्र 48) अपनी पत्नी असगरी खातून ( उम्र 42 ) के साथ हज के लिए शुक्रवार को रवाना हुए। वहीं बहुआरा बुजुर्ग के स्वर्गीय अब्दुल रहमान के पुत्र अनामुल हक ( उम्र 67 ) अपनी पत्नी हुस्न बानो (उम्र 66 ) सहित कुल चार लोग इस पवित्र यात्रा पर अपने घर से विदा हुए। मौके पर ग्रामीण मो० इफ्तेखार उर्फ सच्चू , मो० अतहरुल हक , कारी मो० नेमतुल्लाह रजवी , लाल बाबू , मो० अफरोज आदि मौजूद रहे।