झारखण्ड राज्य से मिथिलेश गोल्डी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि सरकार की ओर से गऱीब किसानों को फ़सल का अधिक दाम देखकर लाभ पहुँचाने की योजना नाकाम साबित हो रही है। पैक्स में किसानों से धान ख़रीदें जाने के बाद इसके एवज में राशि का भुगतान नहीं किया जा रहा है।यही स्थिति पूरे राज्य में देखा जा रहा है। जनवरी की शुरुआत से ही किसानों से धान की ख़रीदारी पैक्सों से हुई है। अभी तक सैकडों किसानों से हजारों क्विंटल से भी अधिक धान की ख़रीदारी की जा चुकी है। धान को मिल में भेजा भी जा चुका है परंतु किसानों का भुगतान अब तक शुरू नहीं हुआ है। दो माह बीत जाने के बावज़ूद राशि भुगतान नहीं होने से किसान निराश हैं। किसानों के धान बेचने के समय जारी मैसेज में लिखा रहता है कि सात दिन के भीतर राशि का भुगतान खाते में कर दिया जाएगा परंतु दो माह बीतने के बावज़ूद किसानों को निराशा हाथ लग रही है।