झारखण्ड राज्य के हजारीबाग जिला के टाटीझरिया प्रखंड से मिथलेश मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि टाटीझरिया प्रखंड में पलायन, शिक्षा, बिजली, सड़क, स्वास्थ्य समेत तमाम मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। साथ ही इस प्रखंड में सबसे बड़ी समस्या बेरोजगारी है। यहां के अधिकतर लोग रोजगार के अभाव में दूसरे प्रदेशों में पलायन के लिए मजबूर हैं। अन्य प्रदेशों में भी इन्हें दिहाड़ी मजदूरी के अलावा और कुछ नहीं मिलता।यदि ग्रामीण अपने क्षेत्र में रह कर काम करना चाहे तो उनके लिए क्षेत्र में घरेलू कुटीर उद्योग का घोर अभाव है।दूसरी ओर यदि किसानों की स्थिति पर नजर डाला जाए तो क्षेत्र में खेती बारी की भी हालत ठीक नहीं है।किसानों के लिए एक मात्र साधन खेती है लेकिन वो भी सिर्फ मानसून पर ही निर्भर करता है। यदि किसी वर्ष बारिश अच्छी हुई तो किसान धान की खेती अच्छे से कर लेते हैं जिससे किसान अपना एवं अपने परिवार वालों का भरण पोषण अच्छे से कर पाते हैं। लेकिन जब किसी वर्ष मानसून किसानों का साथ नहीं दिए तो किसानों को मज़बूरी में आ कर रोजी रोटी की तलाश के लिए अन्य क्षेत्र में पलायन करना पड़ता हैं।दूसरी ओर यदि शिक्षा की स्थिति पर नजर डाला जाए तो प्रखंड शिक्षा के क्षेत्र में काफी पिछड़ा हुआ है। छात्र-छात्रओं के लिए प्रखंड में कॉलेज व विद्यालय का घोर अभाव है। शिक्षा प्राप्त करने के लिए छात्र-छात्रओं को तीस किलोमीटर दूर हजारीबाग जाना पड़ता है।वहीँ प्रखंड में बिजली की स्थिति काफी दयनीये है। क्षेत्र में कई वर्षों से विद्युत सबस्टेशन बन कर तैयार है लेकिन दुर्भाग्य यह है कि अबतक तैतीस केबी का बिजली क्षेत्र में नहीं पहुंच पाया है। इस सभी कमियों के कारण ही टाटीझरिया प्रखंड अतिपिछड़ा नजर आता है।