मधुबनी से चंदू जी मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि मॉनसून भले ही एक हफ्ते की देरी से आया हो लेकिन उससे किसानो की उम्मीद काफी है। खास कर सूखे और पेयजल संकट से जूझ रही हमारी एक चौथाई आबादी के लिए यह राहत भरा होगा। हरे फसलों को बोने की तैयारी में लगे किसानो की उम्मीदें बढ़ गयी है। यदि सब कुछ सकारात्मक रहा तो मॉनसून की यह बौछार देश के अधिकांश जन्संख्याओ की झोली को खुशियों से भरने वाली है।