प्रदीप कुमार नायक, मधुबनी के राजनगर प्रखंड से मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि कन्या भुरूण हत्या एक बड़ी समस्या।देश की चिकत्सा व्य्वस्था पूरी तरह से दिन पर दिन चौपट होती जा रही है।बेईमान डॉक्टरो के साथ-साथ पढ़े-लिखें समाज की महिलाएं बेटियो के लिए सबसे बड़ी कातिल साबित हो रही है।यह महज इस्तेमाल का चीज रह गया है। समाज के एक वर्ग में वयाप्त कुरीतियां दूसरे वर्ग के लोग आसानी से स्वीकार कर लेते है, कन्या भुरूण हत्या इसकी जीती-जागती मिशाल है जो इंसानो ने इसे दहेज़,जुलूस और त्योहारो की तरह अपना ली है। हालांकि यह अमल कानूनन भी जुर्म है और सभी धर्मो ने भी इसे गुनहगार माना है.कोई भी सभ्यता भुरुन हत्या को जायज करार नहीं देती है।
