बिहार राज्य के मधुबनी जिला से टेक नारायण ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि भारत में महिलाओं के लिए भूमि का अधिकार के कानून तो बन गए लेकिन अभी तक महिलाएं भूमि के अधिकार से काफी पीछे है बताते चलें कि महिलाएं भी सशक्त नहीं है और अधिक महिलाओं को इस कानून की जानकारी भी नहीं है जिससे वह अपने अधिकार के लिए लड़ सके। सबसे पहले लड़कियों को शादी कर दी जाती है और फिर अपने ससुराल चली जाती है लेकिन उन्हें यह नहीं पता कि जितना लड़के का अधिकार है उतना लड़कियों का भी अधिकार है। नतीजा ना तो वह सुदृढ़ हो पाती है और न फिर इसके लिए अपने अधिकार के लिए लड़ पाती है। समाज का बंधन, भाई बहनों के रिश्ता ,इतिहास बहुत से कारण है जिसके कारण लड़कियां अपने पिता माता को ही देखते रह जाती है और फिर अपने अधिकार से वंचित रह जाती है राजीव की डायरी से बहुत ही बातें निकाल करके आई है जिससे महिलाओं में अभी तक भूमि से वंचित दिख रही है कुछ जगह जागरूकता आई है तो फिर लगभग 90% महिलाएं इसको जानती ही नहीं है और अपना अधिकार भी लेना नहीं जानती। नतीजा है कि अभी तक महिलाओं को भूमि का अधिकार नहीं मिला है।