बिहार राज्य के मधुबनी जिला से टेक नारायण कुशवाहा ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि इससे पहले हमारे देश के समाज में बेटियों को नहीं पढ़ाया जाता था, उन्हें चार दीवारों तक सीमित कर दिया जाता था। उसे घर से बाहर नहीं निकलने दिया गया। पढ़ाने की बात बहुत दूर है। बेटियों को कोई नहीं पढ़ाता था, लेकिन लोग अपने बेटों को पढ़ाते थे। लंबे समय के बाद देखा गया है कि हमारे समाज में बेटियां पढ़ाई कर रही हैं। धीरे-धीरे हमारे समाज में बहुत बदलाव आया है, जहाँ बेटियों को वहाँ भी नहीं पढ़ाया जाता था