जिला मधुबनी से चंदू जी मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि मधुबनी जिले में साक्षरता मिशन,आंगनबाड़ी केंद्र ,प्राथमिक विद्यालयों की सच्चाई इस प्रकार है।साक्षरता मिशन में कागज़ी खानापूर्ती की जाती है।साक्षरता मिशन में कागजों का स्थान तो है पर साक्षरता का स्थान नहीं है।आंगनबाड़ी केंद्र भवन के आभाव में निजी या भाड़े के मकान में चलती है।कई प्रखंडों में पठन-पाठन खुले आसमान के नीचे पेड़ की छाया में चलती है।इस संबंध में सरकार द्वारा दी जानेवाली राशि का जमकर बंदरबांट किया जाता है।कई प्रखंडों में खपरैल और घास-फूस के मकान में पठन-पाठन चलता है।सरकारी जमीन की कमी नहीं है ,वरण सरकारी अधिकारी की कार्यशैली में कमी है।अर्थात की भरपूर रिश्वत ना मिलने के कारण इन समस्याओं का समाधान नहीं किया जा रहा है।शिक्षा के सभी केन्द्रो में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर पहुंच चूका है।सरकार अपटुडेट फाइलों को प्राथमिकता देती है और जमीनी सच्चाई को नहीं देखती है