मतदाताओं के समक्ष फिलहाल असमंजस की स्थिति है कि वह किस राह पर जाएं। इधर जाति है तो उधर सेवा और विकास के दावे ।वादों की बरसात ने अलग उलझन पैदा कर दी है। भरोसा करें तो किस पर। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।