राजनैतिक सिंद्धांत औऱ प्रक्रियाओं में न्याय सबसे पुरानी अवधारणाओं में से एक है, न्याय के सिद्धांत को लेकर तमाम प्रकार की बातें कहीं गई हैं, जिसे लगभग हर दार्शनिक और विद्वान ने अपने समय के अनुसार समझाया है और सभी ने इसके पक्ष में अपनी आवाज को बुलंद किया है। न्याय को लेकर वर्तमान में भी पूरी दुनिया में आज भी वही विचार हैं, कि किसी भी परिस्थिति में सबको न्याय मिलना चाहिए। इसके उलट भारत में इस समय न्याय के मूल सिद्धामत को खत्म किया जा रहा है। कारण कि यहां न्याय सभी कानूनी प्रक्रियाओं को धता को बताकर एनकाउंटक की बुल्डोजर पर सवार है, जिसमें अपरधियों की जाति और धर्म देखकर न्याय किया जाता है। क्या आपको भी लगता है कि पुलिस को इस तरह की कार्रवाइयां सही हैं और अगर सही हैं तो कितनी सही हैं। आप इस मसले पर क्या सोचते हैं हमें बताइये अपनी राय रिकॉर्ड करके, भले ही इस मुद्दे के पक्ष में हों या विपक्ष में

राजस्थान राज्य के जिला अलवर से जैकम खान की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से बसंती से हुई। बसंती यह बताना चाहती है कि वह आयुष्मान कार्ड से इलाज़ कराने अस्पताल गई थी। अस्पताल में उनसे रिपोर्ट का पैसे लिए गए।

नए नए आजाद हुए देश के प्रधानमंत्री नेहरू एक बार दिल्ली की सड़कों पर थे और जनता का हाल जान रहे थे, इसी बीच एक महिला ने आकर उनकी कॉलर पकड़ कर पूछा कि आजादी के बाद तुमको तो प्रधानमंत्री की कुर्सी मिल गई, जनता को क्या मिला, पहले की ही तरह भूखी और नंगी है। इस पर नेहरु ने जवाब दिया कि अम्मा आप देश के प्रधानमंत्री की कॉलर पकड़ पा रही हैं यह क्या है? नेहरू के इस किस्से को किस रूप में देखना है यह आप पर निर्भर करता है, बस सवाल इतना है कि क्या आज हम ऐसा सोच भी सकते हैं?

भारत में महिला श्रम शक्ति भागीदारी में हाल के वर्षों में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है, हालांकि वैश्विक औसत की तुलना में यह कम आधार पर है। ।स्टेट ऑफ वर्किंग इंडिया रिपोर्ट 2023 के अनुसार, भारत में महिला कार्यबल की संरचना विकसित हो रही है, जिसमें उच्च शिक्षा प्राप्त युवा महिलाओं की संख्या बढ़ रही है जो श्रम बाजार में शामिल हो रही हैं। भारत में दुनिया की सबसे बड़ी कामकाजी आयु वाली आबादी होने का अनुमान है, जो 2030 तक लगभग 70% तक पहुंच जाएगी, लेकिन कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी का वर्तमान निम्न स्तर लगातार असहनीय होता जा रहा है।तो दोस्तों, हर समस्या का समाधान होता है आप हमें बताइए कि *----- महिलाएं किन प्रकार के कार्यों में अधिकतर अपना ज्यादा समय लगाती है ? *----- महिलाओं को उच्च पदों पर पहुंचने में क्या क्या चुनौतियां आती हैं? *----- आपके अनुसार महिलाओं को कार्यस्थल पर किन प्रकार के भेदभाव का सामना करना पड़ता है? और महिलाओं को उद्यमिता और स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए हमें किस तरह के प्रयास करने की ज़रूरत हैं? *----- क्या आपको भी लगता है कि समाज को इस दिशा में सोच बदलने की ज़रूरत है .?

भारतीय संविधान किसी के आर्टिकल 14 से लेकर आर्टिकल 21 तक समानता की बात कही है, इस समानता धार्मिक आर्थिक राजनीतिक और अवसर की समानता का जिक्र किया गया है। इस समानता किसी प्रकार की जगह नहीं है और किसी को भी धर्म, जाति और समंप्रदाय के आधार पर कोई भेद नहीं किये जाने का भी वादा किया गया है। उत्तर प्रदेश सरकार के हालिया फैसले में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि वह धर्म की पहचान के आधार भेदभाव पैदा करने की कोशिश है।दोस्तों आप इस मसले पर क्या सोचते हैं? क्या आप सरकार के फैसले के साथ हैं या फिर इसके खिलाफ, जो भी हो इस मसले पर आपकी क्या राय है? आप इस मसले पर जो भी सोचते हैं अपनी राय रिकॉर्ड करें

राजस्थान राज्य के जिला अलवर से रफ़ी की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से दीपक सिंह से हुई दीपक सिंह यह बताना चाहते है कि उनका भाई का एक्सीडेंड हुआ था अस्पताल ने ईलाज करने से मना कर दिया पैसे देकर ईलाज कराना पडा। डॉक्टर का कहना था कि भामाशाह इस केस में काम नहीं करेगा। यह योजना बेकार है क्यूंकि इसका लाभ नहीं है। उनका दो लाख का खर्चा हुआ है।

राजस्थान राज्य के जिला अलवर से जबरूद्दीन , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि उनको अपने बेटे का इलाज़ कराने में आयुष्मान कार्ड का लाभ नहीं मिला है। अस्पताल में उनके बेटे का इलाज़ करने से मना कर दिया गया।

राजस्थान राज्य के जिला अलवर से जैकम की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से जबरूद्दीन से हुई। जबरूद्दीन यह बताना चाहते है कि उनको आयुष्मान कार्ड का लाभ नहीं मिला।

राजस्थान राज्य के जिला अलवर से रफ़ी की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से जैकम जी से हुई। जैकम जी यह बताना चाहते है कि आयुष्मान कार्ड धारक को अस्पताल में जानकारी नहीं होने के कारण इलाज़ कराने में देरी होती है। लोगों से जांच का पैसा अलग से लिया जाता है। जांच, जो की निशुल्क बताया जा रहा था उसमे जब पैसा लिया जा रहा है तो लोग कंफ्यूज हो जाते है। अगर अस्पताल में भामाशाह कार्ड लेकर लोग जाते है तो लो वहां के लोग आयुष्मान कार्ड लाने के लिए बोलते है।

राजस्थान राज्य के जिला अलवर से जैकम खान , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि आयुष्मान कार्ड कई लोगों का बना हुआ है लेकिन लाभ किसी को भी नहीं मिला है।