वहीं गांव वालों का कहना है की दिन में तो कभी गला बटते ही नहीं है सब लोगों को शाम को बुलाते हैं रात में वही गले में मिट्टी कंकर मिलकर गला वितरित करते हैं ।। अभी तक कुछ ऐसे लोग हैं जो लोगों के अंगूठे भी नहीं लगाए हैं बह रोज कोटेदार के चक्कर काट रहे हैं कोटेदार टाल मटोल कर रहा है वही गांव वालों का भी कहना है कि टाल मटोल इसलिए कर जाता है कि दिन में अगर गला देंगे तो सब देखेंगे कि कितना दिया जा रहा है कितना नहीं।।