मोबाइल वाणी और माय कहानी का एक ख़ास पेशकस आपके लिए कार्यक्रम भावनाओं का भवर जहाँ हम सुनेंगे मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने से जुड़ी कुछ जानकारियां. तो आइये सुनते हैं कि यौन उत्पीड़न जैसी परिस्थितियां हमारे ऊपर किस तरह का प्रभाव डालती है और इन से उभरने में हम किसी की मदद कैसे कर सकते है। साथियों, यौन उत्पीड़न हमारे समाज की एक बड़ी समस्या है और बहुत से लोग इसका शिकार भी हो जाते हैं. हम समझते है की केवल साबधानी बरतने से ही ऐसे परिस्थितिओं को हमेशा नहीं टाला जा सकता है बल्कि सामाजिक बदलाव से ही इस समस्या को जड़ से ख़तम किया जा सकता है। ऐसे में , आप को क्या लगता है किस तरह का बदलाव हमारे समाज को एक सुरक्षित और बेहतर समाज बनाने में मदद कर सकती है ? और क्या केवल कड़े कानून लागु करने से ही यौन उत्पीड़न के शिकार हुए लोगो को इन्साफ दिलवाया जा सकता है ? यौन उत्पीड़न के शिकार हुए लोगो के प्रति वर्तमान में दिखने वाले सामाजिक प्रतिक्रियाओं पर आपकी क्या राय है ? साथ ही इसी तरह की और भी जानकारी सुनने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें। https://www.youtube.com/@mykahaani

मोबाइल वाणी और माय कहानी का एक ख़ास पेशकस आपके लिए कार्यक्रम भावनाओं का भवर जहाँ हम सुनेंगे मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने से जुड़ी कुछ जानकारियां ,तो चलिये आज सुनते हैं यौन शोषण के शिकार हुए व्यक्ति की मानसिक तनाव और उस से जूझने के बारे में...साथियों , हमारे समझ में आज भी यौन शोषण के बारे में एक अनचाही चुप्पी साध ली जाती है और पीड़ित व्यक्ति को ही कहीं न कहीं हर बात के लिए जिम्मेदर बना देने की प्रथा चली आ रही है। पर ऐसा क्यों है? साथ ही इस तरह के सामाजिक दबावों के अतिरिक्त और क्या वजह होती है जिसके लिए आज भी कई सारे यौन शोषण के केस पुलिस रिपोर्ट में दर्ज नहीं होते हैं ? समाज में फैले यौन शोषण के मानसिकता के लिए कौन और कैसे जिम्मेदार है ? और समाज से इस मानसिकता को हटाने के लिए तुरंत किन - किन बातों पर अमल करना जरुरी है ?साथ ही इसी तरह की और भी जानकारी सुनने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें। https://www.youtube.com/@mykahaani

तमाम दावों के बाद भी सच्चाई यही है कि आज भी देश में महिलाएँ और लड़कियां गायब हो रही है और हमने एक चुप्पी साध राखी है। दोस्तों, महिलाओं और किशोरियों का गायब होना एक गंभीर समस्या है जो सामाजिक मानदंडों से जुड़ी है। इसलिए इसे सिर्फ़ कानूनी उपायों, सरकारी कार्यक्रमों या पहलों के ज़रिए संबोधित नहीं किया जा सकता। हमें रोजगार, आजीविका की संभावनाओं की कमी, लैंगिक भेदभाव , जैसे गंभीर चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए इसकी रोकथाम के लिए सोचना होगा। साथ ही हमें लड़कियों को शिक्षित करने और उन्हें सशक्त बनाने की भी आवश्यकता है। तो दोस्तों, हर समस्या का समाधान होता है आप हमें बताइए कि *----- लड़कियों को मानसिक रूप से मजबूत और आत्मनिर्भर बनाने के लिए क्या प्रयास किए जा सकते हैं? *----- आप इस मुद्दे के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए क्या प्रयास कर रहे हैं? साथ ही आप सरकार से इस मुद्दे पर क्या अपेक्षाएं रखते हैं? *----- आपके अनुसार लड़कियों और महिलाओं को लापता होने से बचाने के लिए क्या किया जा सकता है?

दोस्तों मानव शरीर के निर्माण में भोजन एक महत्वपूर्ण तत्व है। प्रकृति ने कई प्रकार के खाद्य पदार्थ बनाए हैं जो महत्वपूर्ण और आवश्यक पोषक तत्वों से युक्त कोशिकाओं और शरीर के ऊतकों के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण हैं, तभी तो शरीर को ऊर्जा प्रदान करने के लिए पर्याप्त मात्रा में भोजन करने की आवश्यकता होती है। साथियों, दुनिया भर में दूषित भोजन खाने से लाखो लोग मौत मुंह में समां जाते हैं।यह दिवस लोगों को याद दिलाता है कि शुद्ध और सुरक्षित भोजन स्वास्थ्य के लिए जरूरी है और यह सभी लोगों का अधिकार भी है। हर साल UN फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गेनाइजेशन (FAO) एक थीम निर्धारित करता है जिसके तहत विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस मनाया जाता है।इस वर्ष World Food Safety Day 2024 की थीम है, ‘सुरक्षित भोजन बेहतर स्वास्थ्य’. तो साथियों आइए हम सब मिलकर विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस मनाये और हर दिन शुद्ध और सुरक्षित भोजन का सेवन करें। धन्यवाद !!

साल 2013-2017 के बीच विश्व में लिंग चयन के कारण 142 मिलियन लड़कियां गायब हुई जिनमें से लगभग 4.6 करोड़ लड़कियां भारत में लापता हैं। भारत में पांच साल से कम उम्र की हर नौ में से एक लड़की की मृत्यु होती है जो कि सबसे ज्यादा है। इस रिपोर्ट में एक अध्ययन को आधार बनाते हुए भारत के संदर्भ में यह जानकारी दी गई कि प्रति 1000 लड़कियों पर 13.5 प्रति लड़कियों की मौत प्रसव से पहले ही हो गई। इस रिपोर्ट में प्रकाशित किए गए सभी आंकड़े तो इस बात का प्रमाण है कि नई-नई तकनीकें, तकनीकों में उन्नति और देश की प्रति व्यक्ति आय भी सामाजिक हालातों को नहीं सुधार पा रही हैं । लड़कियों के गायब होने की संख्या, जन्म से पहले उनकी मृत्यु भी कन्या भ्रूण हत्या के साफ संकेत दे रही है। तो दोस्तों आप हमें बताइए कि *----- आखिर हमारा समाज महिला के जन्म को क्यों नहीं स्वीकार पाता है ? *----- शिक्षित और विकसित होने के बाद भी भ्रूण हत्या क्यों हो रही है ? *----- और इस लोकसभा चुनाव में महिलाओ से जुड़े मुद्दे , क्या आपके लिए मुद्दा बन सकता है ??

हांगकांग के फूड सेफ्टी विभाग सेंटर फॉर फूड सेफ्टी ने एमडीएच कंपनी के मद्रास करी पाउडर, सांभर मसाला मिक्स्ड पाउडर और करी पाउडर मिक्स्ड मसाला में कीटनाशक एथिलीन ऑक्साइड पाया है और लोगों को इसका इस्तेमाल न करने को कहा है. ऐसा क्यों? जानने के लिए इस ऑडियो को क्लिक करें

बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ" के नारे से रंगी हुई लॉरी, टेम्पो या ऑटो रिक्शा आज एक आम दृश्य है. पर नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च द्वारा 2020 में 14 राज्यों में किए गए एक अध्ययन में कहा गया है कि योजना ने अपने लक्ष्यों की "प्रभावी और समय पर" निगरानी नहीं की। साल 2017 में नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट में हरियाणा में "धन के हेराफेरी" के भी प्रमाण प्रस्तुत किए। अपनी रिपोर्ट में कहा कि बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ स्लोगन छपे लैपटॉप बैग और मग खरीदे गए, जिसका प्रावधान ही नहीं था। साल 2016 की एक और रिपोर्ट में पाया गया कि केंद्रीय बजट रिलीज़ में देरी और पंजाब में धन का उपयोग, राज्य में योजना के संभावित प्रभावी कार्यान्वयन से समझौता है।

दोस्तों, यह साल 2024 है। देश और विश्व आगे बढ़ रहा है। चुनावी साल है। नेता बदले जा रहे है , विधायक बदले जा रहे है यहाँ तक की सरकारी अधिकारी एसपी और डीएम भी बदले जा रहे है। बहुत कुछ बदल गया है सबकी जिंदगियों में, लेकिन महिलाओं की सुरक्षा आज भी एक बड़ा सवाल बना हुआ है। देश की सरकार तो एक तरफ महिला सशक्तिकरण का दावा करती आ रही है, लेकिन हमारे घर में और हमारे आसपास में रहने वाली महिलाएँ आखिर कितनी सुरक्षित हैं? आप हमें बताइए कि *---- समाज में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर हमें किस तरह के प्रयास करने की ज़रूरत है ? *---- महिलाओं को सही आज़ादी किस मायनों में मिलेगी ? *---- और घरेलू हिंसा को रोकने के लिए हमें क्या करना चाहिए ?

रायबरेली 23 जनवरी 2024 को नेता जी सुभाष चन्द्र बोस की जयन्ती के अवसर पर जनपद की जनसंख्या के सापेक्ष सर्वाधिक व्यक्तियों का प्रतिभाग सुनिश्चित कराते हुए मानव श्रृखंला का निर्माण कराया गया तथा सड़क सुरक्षा नियमों का व्यापक प्रचार-प्रसार कराया गया, जिसके लिए प्रदेश में सर्वश्रेष्ठ स्थान पाने वाले तीन जनपदों में से एक जनपद रायबरेली की जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, जिला विद्यालय निरीक्षक, सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) एवं बेसिक शिक्षाधिकारी को मुख्य अतिथि जितिन प्रसाद, कैबिनेट मंत्री, लोक निर्माण एवं विशिष्ट अतिथि श्री दयाशंकर सिंह, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) परिवहन द्वारा प्रशस्ति पत्र प्रदान करते हुए सम्मानित किया गया। जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक, रायबरेली के अनुपस्थिति में सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन), रायबरेली द्वारा प्रशस्ति पत्र प्राप्त किये गये। जिसके क्रम में आज परिवहन विभाग, उत्तर प्रदेश द्वारा राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा माह के अन्तर्गत राज्य स्तरीय सड़क सुरक्षा पुरस्कार वितरण एवं समापन कार्यक्रम का आयोजन विश्वेश्वरैया हाल, पी०डब्लू०डी० मुख्यालय जनपद लखनऊ में आयोजित किया गया जिसमें मुख्य अतिथि जितिन प्रसाद, कैबिनेट मंत्री, लोक निर्माण एवं विशिष्ट अतिथि दयाशंकर सिंह, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) परिवहन, वेंकटेश्वर लू, प्रमुख सचिव परिवहन, उ०प्र०, चन्द्रभूषण सिंह, परिवहन आयुक्त, उ०प्र० एवं अन्य अतिथिगण उपस्थित रहे। मुख्य सचिव, उ०प्र० शासन के अनुपालन में 23 जनवरी, 2024 को न्यू न्यू स्ट्रैण्डर्ड पब्लिक स्कूल, त्रिपुला चौराहा, रायबरेली में परिवहन विभाग, रायबरेली द्वारा मानव श्रृंखला एवं सड़क सुरक्षा शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन किया गया था। जिसमें जिलाधिकारी हर्षिता माथुर मुख्य अतिथि, पुलिस अधीक्षक अभिषेक कुमार अग्रवाल विशिष्ट अतिथि एवं अन्य विभागों के पदाधिकारियों की गरिमामयी उपस्थिति में कार्यक्रम सम्पन्न हुआ था। जिसमें जिलाधिकारी हर्षिता माथुर द्वारा बच्चों को सड़क सुरक्षा शपथ दिलवायी गयी उसके पश्चात् विशाल मानव श्रृखंला बनाकर सड़क सुरक्षा के नियमों का पालन हेतु प्रतिबद्धता व्यक्त की गयी। मानव श्रृंखला के आयोजन पर न्यू स्ट्रैण्डर्ड पब्लिक स्कूल के छात्रों द्वारा ट्रैफिक लाइट की प्रतिकृति भी बनायी गयी थी। जनपद के अन्य सभी विद्यालयों के कक्षा 08 से 12 के तथा उच्च शिक्षा के सभी छात्र/छात्राओं एवं स्टेक होल्डर विभागों के अधिकारियों/कर्मचारियों के द्वारा 95 प्रतिशत से अधिक संख्या में प्रतिभाग किया, जिनकों सड़क सुरक्षा की शपथ दिलायी गयी थी।

आज की कड़ी में हम सुनेंगे सोशल मीडिया से फ़ोटो चोरी होने से सम्बंधित जोखिमों के बारे में जानकारी।