ऊंचाहार रायबरेली । डलमऊ तहसील में नायब तहसीलदार की चालक द्वारा स्थानी अधिवक्ताओं से अभद्रता करने के कारण नाराज अधिवक्ताओं ने कार्य बहिष्कार कर एसडीएम को प्रस्ताव की प्रति सौंपा है ।डलमऊ तहसील में नायब तहसीलदार के चालक द्वारा व अन्य निजी कर्मियों द्वारा गुरुवार को स्थानीय अधिवक्ताओं से अभद्रता करने के मामले में कार्य बहिष्कार किया । वहीं डलमऊ बार एसोसिएन ने ऊंचाहार एसोसिएन से सहयोग मांगा है । अधिवक्ताओं ने शुक्रवार को तहसील प्रशासन मुर्दाबाद के नारे के साथ न्यायिक कार्य से बहिष्कार किया बार एसोसिएन द्वारा लिए गए प्रस्ताव की एक प्रति एसडीएम सिद्धार्थ चौधरी को सौंपा है ।तहसील के वरिष्ठ अधिवक्ता ने बताया कि मामले में हम सभी तहसील अधिवक्ता विरोध करते हैं ।

ऊंचाहार रायबरेली । आजाद अधिकार सेवा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं आईपीएस अमिताभ ठाकुर शुक्रवार को नगर की ऊंचाहार बस स्टॉप स्थित रामलीला मैदान पहुंचे जहां पर कार्यकर्ताओं ने उनका जोरदार स्वागत किया इसके बाद पत्रकारों से बात करते हुए स्थानीय मुद्दों के साथ भाजपा सरकार पर आरोप लगाए, दरअसल अमिताभ ठाकुर फतेहपुर जिले के खागा में एक जनसभा को संबोधित करने जा रहे थे तभी उनका काफिला ऊंचाहार मे रुका और उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए स्थानीय मुद्दों की बात उठाते हुए एनटीपीसी पर कहा कि यहां की जनता का शोषण हो रहा है ।आरोप लगाते हुए कहां एनटीपीसी के स्थापना के समय किए गए वादों पर एनटीपीसी खरी नहीं उतर रही एनटीपीसी ने अपने क्षेत्र में कोई भी विकास कार्य नहीं किया है । एनटीपीसी के राख और धूल तथा प्रदूषण से लोग बीमार हो रहे हैं । वही एनटीपीसी के प्रदूषण के विरुद्ध साक्ष्य तथा उससे निपटने के लिए जल्द ही दोबारा आने के बाद कड़े कदम उठाए जाएंगे तथा क्षेत्रीय मजदूरों के शोषण के विरुद्ध भी कड़े कदम उठाए जाएंगे मजदूरों की पूरी मजदूरी नहीं मिल रही मजदूरों को परेशान किया जा रहा जैसे विभिन्न मुद्दों पर कड़े कदम उठाएंगे ।

दोस्तों, हंसने-हंसाने से इंसान खुश रहता है, जिससे मानसिक तनाव, चिंता और डिप्रेशन कम होता है। उत्तम स्वास्थ्य के लिए हंसी-मज़ाक बहुत ज़रूरी है। इसीलिए मोबाइल वाणी आपके लिए लेकर आया है कुछ मजेदार चुटकुले, जिन्हें सुनकर आप अपनी हंसी रोक नहीं पाएंगे।

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो यानि की NCRB के हालिया रिपोर्ट के मुताबिक 2022 में 23,178 गृहिणियों ने आत्महत्या की थी। यानी देशभर में हर दिन 63 और लगभग हर 22 से 25 मिनट में एक आत्महत्या हुई है। जबकि साल 2020 में ये आंकड़ा 22,372 था। जितनी तेज़ी से संसद का निर्माण करवाया, सांसद और विधायक अपनी पेंशन बढ़ा लेते है , क्यों नहीं उतनी ही तेज़ी से घरेलु हिंसा के खिलाफ सरकार कानून बना पाती है। खैर, हालत हमें ही बदलना होगा और हमें ही इसके लिए आवाज़ उठानी ही होगी तो आप हमें बताइए कि *---- आख़िर क्या वजहें हैं जिनके कारण हज़ारों गृहणियां हर साल अपनी जान ले लेती हैं? *---- घरेलू हिंसा को रोकने के लिए हमें क्या करना चाहिए ? *---- और क्या आपने अपने आसपास घरेलू हिंसा को होते हुए देखा है ?