उत्तरप्रदेश राज्य के प्रतापगढ़ जिला से आशुतोष मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि बीसवीं शताब्दी में महिलाओं के अधिकारों को बिल्कुल गैर-समान माना जाता है, बीसवीं शताब्दी में महिलाओं को अधिकार नहीं दिया गया था कि महिलाओं को न तो समाज में चलने की अनुमति थी और न ही लोगों के बीच बैठने की, यहां तक कि स्कूलों और कॉलेजों में भी, कोई भी महिलाओं को समान शिक्षा प्राप्त करने की अनुमति नहीं दे रहा था। आज के समय में महिला और पुरुष दोनों ही समान रूप से कंधे से कन्धा मिला कर चल रहे है।