फतेहपुर अमौली, । प्राइवेट बसों के रूट पर बड़ी संख्या में डग्गामार वाहनों के साथ ही ई-रिक्शा का होने वाला संचालन बस ऑपरेटरों के लिए मुसीबत बना हुआ है। प्राइवेट मार्गों पर होने वाले संचालन का टैक्स जमा किए जाने के बावजूद जिम्मेंदारों की अनदेखी से यात्रियों की कमी होने के कारण बसों का खर्च नहीं निकल पा रहा। जिससे कस्बे से चलने वाली 40 बसों का संचालन पूर्णतया बंद करना पड़ गया। जिससे यात्रियों को भी समस्याओं का समाना करना पड़ रहा है। कस्बे से घाटमपुर व बिंदकी के लिए बसों का संचालन लंबे समय से कराया जा रहा है। लेकिन इन दिनों ई-रिक्शा संग अन्य वाहनों की बढ़ती तादात को देखते हुए बसों में यात्रियों का टोटा हो चुका है। जिससे खर्च भी निकालना मुश्किल हो रहा है। इतना ही नहीं इन छोटे वाहन संचालकों के लोकल होने के कारण इनका विरोध करने पर आए दिन वाद-विवाद होना आम बात हो चुकी है। रिक्शा संचालको द्वारा विरोध करने पर बदसलूकी की जा रही है वहीं इन संचालको द्वारा यात्रियों से मनमानी किराया भी वसूल किया जा रहा है। बस यूनियन के अध्यक्ष संतोष सचान ने बताया कि कस्बे से घाटमपुर मार्ग पर 22 तथा बिंदकी मार्ग पर 18 बसों का संचालन कराया जाता रहा है। जिनका प्रतिमाह करीब 32 लाख रुपये टैक्स व 60 लाख रुपये परमिट का भी जमा करवाया गया था। जो परमिट अब भी समाप्त नहीं हुए है, इनका संचालन रोके जाने के लिए कई बार प्रशासन से मांग की जा चुकी है लेकिन सुनवाई नहीं हो रही है। जिससे बसों का संचालन बंद करना पड़ा, वहीं विकास शुक्ला ने बताया की ई-रिक्शा के संचालन पर अंकुश न लगाए जाने पर ऑपरेटर भुखमरी की कगार पर पहुंच रहे है। बताया कि जल्द ही ई-रिक्शा की भरमार होने से फतेहपुर-जहानाबाद मार्ग से भी संचालन बंद करना पड़ सकता है। जबकि प्राइवेट बस ऑपरेटर यूनियन के जिलाध्यक्ष फरहत अली सिद्दीकी ने बताया कि अन्य मार्गां पर ही बसों के संचालन के लिए प्राइवेट रूट बनाए गए है जिनका बस ऑपरेटरों द्वारा परमिट टैक्स दिया जाता है। लेकिन इन मार्गों पर अन्य डग्गामार वाहनों का संचालन होने के कारण बस ऑपरेटरों की समस्याएं समाप्त नहीं हो पा रही। ऑपरेटरों की समस्याओं को देखते हुए कई बार शिकायत भी की जा चुकी है इसके बावजूद ध्यान न दिए जाने से समस्याएं कम होने का नाम नहीं ले रही।