युपी फतेहपुर थरियांव,। अन्ना की धमाचौकड़ी से अन्नदाता परेशान हैं। रतजगा करने के बावजूद फसलें नहीं बच पा रहीं। किसान बर्बाद हो रहे हैं। वहीं जिम्मेदार बहाना बनाने में मस्त हैं। यही वजह है कि पांच माह से मुरांव गोशाला गोवंश से गुलजार होने के इंतजार में हैं। किसानों को अन्ना से राहत दिलाने की कवायद कागजों एवं कोरम बाजी तक सीमित है। विभाग व संबंधित अफसरों की बेपरवाही का खामियाजा अन्नदाता भुगत रहे हैं। मुरांव गोशाला के निर्माण करीब 16 लाख रुपये खर्च किए जाने की बात कही जा रही है। दो पशु शेडों के साथ ही भूसा शेड, चरही आदि तैयार हैं। पीने के पानी की व्यवस्था है। चहुंओर कंटीली तार व खांईं खोदकर गोवंश को गोशाला रोके रखने का इंतजाम पूरा है। बस किसानों की पीड़ा को महसूस कर आंशिक कार्य पूर्ण कर गोवंश को संरक्षित करना है। गेट नहीं लगाने की वजह ‘चालबाजी लाखों रुपये खर्च करने के बावजूद गोशाला का गेट नहीं लगाया जा रहा है। अफसर गेट न होने की वहज बता कर मामले से पल्ला झाड़ रहे हैं। करीब पांच माह से गेट जस का तस पड़ा है। जिम्मेदारों को एहसास है कि गेट लगते ही फसलों को बचाने के लिए किसान गोवंश को लाकर जबरन गोशाला में बंद करेंगे। घेराबंदी के बावजूद नहीं चेते जिम्मेदारअंचितपुर पिटाई के आशिकपुर औरेया गांव में भाकियू संग किसानों ने ब्लाक के अधिकारियों का घेराव किया था। अन्ना से परेशान किसानों ने मुरांव गोशाला के संचालन में लेटलतीफी को लेकर जमकर हंगामा काटा था। तक अधिकारियों ने शीघ्र ही गोशाला संचालित कराने का आश्वासन दिया था, मामला ठंडे बस्ते में है। बकाए का भुगतान होने पर चलेगी गोशाला प्रधान निर्मला देवी का कहना है कि गोशाला का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है। करीब 13 लाख रुपये का बकाया है। संचालन से पूर्व धन की जरूरत होगी। धनराशि के अभाव में गोशाला संचालित नहीं हो पा रही। बकाएदार तगादा कर रहे हैं। धनराशि मुहैया होने पर क्षमता के अनुसार गोवंश संरक्षित कर लिए जाएंगे। नियम का पेंच बना भुगतान में देरी की वजह ग्राम सचिव मारकंडेय मिश्रा ने बताया कि गोशाला में निर्माण कार्य ग्राम पंचायत स्तर से कराया गया है। मनरेगा में 60-40 के अनुपात की वजह से भुगतान होने में दिक्कत आ रही है। मनरेगा पूल में सामग्री का पैसा आते ही भुगतान कराने का प्रयास किया जाएगा। अनुपात मेनटेन करने के प्रयास जारी हैं। गोशाला बनकर तैयार हो गई है। जिसका दो बार निरीक्षण भी किया जा चुका है। गोशाला की देखभाल को दो कर्मचारी नियुक्त कर दिए गए हैं। शीघ्र ही क्षेत्रीय विधायक द्वारा उद्घाटन करा गोशाला को संचालित की जाएगी। -सतीश चंद्र पांडे, हसवा बीडीओ मुरांव गोशाला में गेट नहीं लगा होने की वजह से दिक्कत है। यदि भुगतान में कोई समस्या है तो उसे बीडीओ द्वारा हल कराया जाएगा। गोशाला को शुरू करा किसानों को राहत देने के प्रयास जारी हैं। -डा. नवल किशोर सचान, सीवीओ