युपी फतेहपुर,। नारी सशक्तिकरण, महिलाओं को अधिकार जैसे श्लोगन महज छलावा साबित हो रहे हैं। आरक्षण की विवशता से दलित महिला प्रधान तो बन गईं, लेकिन प्रधानी के अधिकार हाईजैक हो गए। पक्ष-विपक्ष के आरोप-प्रत्यारोप की जोर आजमाइश में ग्राम पंचायत अखाड़ा बन गई है। विडम्बना, गोंदौरा में पुरुषों द्वारा महिला अधिकार का हनन जारी है, जिम्मेदार तमाशबीन बने हैं। विजयीपुर ब्लाक की ग्राम पंचायत गोंदौरा खासी चर्चा में है। विकास कार्यों की वजह से नहीं बल्कि बाहरियों द्वारा धांधली, शिकायतों व जांच को लेकर है। आवास आवंटन में उगाही, मनरेगा में धांधली, पंचायत भवन में बारात रुकवाने के नाम पर वसूली, कैटल शेड गबन, कमीशनबाजी के आरोप पक्ष विपक्ष एक दूसरे पर मढ़ रहे हैं। दोनों पक्ष के बिचौलिए मलाई काट रहे हैं। दुखद यह कि महिला प्रधान सभी बातों से अनभिज्ञ बकरियां चरा रही। विडम्बना, ब्लाक व जिला स्तरीय जिम्मेदार सब जानकर अंजान बने हैं। प्रधान को नहीं पता कहां-कितने का काम वित्तीय वर्ष में मनरेगा से करीब 14 लाख का कार्य होना बताया जा रहा है। लेकिन महिला प्रधान को किस स्टीमेट पर कितना भुगतान हुआ? कोई जानकारी नहीं। महिला प्रधान महज मोहर दस्तखत तक सीमित हैं। ताज्जुब तो जांच को पहुंचे डीसी मनरेगा को बाहरियों ने कार्य दिखाए हैं। ब्लॉक में असली-नकली का सबको पता असली नकली का खेल ब्लाक के अधिकारियों व कर्मचारियों की मिलीभगत बिना संभव नहीं। ताज्जुब है कि ग्राम पंचायत के कार्य बाहरी द्वारा कराए जाते हैं। मनरेगा में आईडी, स्टीमेट, मस्टर रोल, एमबी, एफटीओ आदि प्रक्रिया व बीडीओ की जांच के बाद ही भुगतान होते हैं। बाहरी कर रहे एक दूसरे की चुगली मनरेगा में फर्जी हस्ताक्षर से लाखों रुपये के भुगतान की शिकायत हुई तो जिले में हड़कम्प मच गया। वहीं गोंदौरा में आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया। मनरेगा में लूट और उगाही के आरोप लगे। तो विपक्षी पूर्व प्रधान पर पीएम आवास घोटाला व बारातों से उगाही के इल्जाम लगा रहे हैं। दरअसल दोनों पक्ष नकली हैं और रसूखदारी के दम पर खेल को अंजाम दे रहे। महिला प्रधान के स्थान पर दूसरा काम नहीं करेगा इसे लेकर सभी बीडीओ को स्पष्ट आदेश जारी किए गए हैं। दबाव बना कोई बाहरी प्रधानी कर रहा हैं। प्रधान शिकायत करें तो उनकी जांच कराते कार्रवाई की जाएगी। सूरज पटेल, सीडीओ इस साल मैंने पूर्व प्रधान के साथ मिलकर बिरवा (पौधरोपण) लगवाए और भोला सिंह के खेत में बंधा का काम कराया है। मैंने उन फाइलों में दस्तखत नहीं बनाए हैं। किसने काम कराया है वह मुझे पता नहीं। राजपति, प्रधान गोंदौरा