युपी फतेहपुर,। कोई गोद में उठाकर अपने मरीज के इलाज के लिए हांफ रहा है तो किसी के कंधे स्ट्रेचर बन गए हैं। अस्पताल में तैनात वार्ड ब्वाय किसी की सुनते नहीं मजबूरन तीमारदारों को किसी तरह स्ट्रेचर मिला भी तो उसे खुद ही खींचना पड़ता है। मेडिकल कालेज बनने के बाद बेहतरी के दावों की कलई खुल गई। अंधेर यह है कि बदहाली पर अफसर चुप और बीमार परेशान हैं। जिला अस्पताल से गुरूवार को एक बार फिर दो वीडियो वायरल हुए जिसमें तीमारदार अपने मरीजों को कंधे और गोद में उठाकर अस्पताल का चक्कर काट रहे हैं। आपका अपना फतेहपुर मोबाइल वाणी वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं करता है। बताया जा रहा है कि तीमारदारों ने स्ट्रेचर न मिलने पर मजूबरन दर्द से कराह रहे अपने मरीजों को कंधों में लाद लिया। हालांकि यह कोई पहली बार नहीं है। हर दिन जिला अस्पताल में व्यवस्था को शर्मसार करने वाले ऐसे नजारे देखने को मिल जाते हैं। नहीं सुनते हैं वार्ड ब्वाय जिला अस्पताल में आउट सोर्स और नियमित मिलाकर 34 वार्ड ब्वाय की तैनाती है, लेकिन ये वार्ड ब्वाय किसी की नहीं सुनते हैं। मरीजों के स्ट्रेचर और व्हीलचेयर साथ आए तीमारदारों को ही खींच कर ले जाना पड़ता है। हैरानी की बात यह है कि वार्ड ब्वाय अपना काम छोड़कर उगाही में लगे रहते हैं एक्सरे, अल्ट्रासाउंड कराने के नाम पर होती वसूली वार्ड ब्वाय सहित कुछ अन्य कर्मी एक्सरे और अल्ट्रासांउड कराने के नाम पर मरीजों से वसूली करने में लगे रहते हैं। दरअसल हर दिन एक्सरे और अल्ट्रासांउड के बड़ी संख्या में मरीज रहते हैं। अल्ट्रासांउड में तो एक हफ्ते की वेटिंग चलती है। इसी का फायदा वार्ड ब्वाय उठाते हैं। तत्काल एक्सरा और अल्ट्रासाउंड कराने की बात कह मरीजों से वसूली कर लेते हैं। *जिला अस्पताल में पर्याप्त स्ट्रेचर व्हीलचेयर हैं। मरीज को क्यों स्ट्रेचर नहीं मिला,जांच कराएंगे। सबंधित से जवाब मांग दोषी मिलने पर कार्रवाई की जाएगी। -डॉ. पीके सिंह, सीएमएस जिला अस्पताल*