युपी फतेहपुर के धाता नगर पंचायत में विगत 7 दिनों से चल रही रामलीला में बुधवार को मंचासिन व्यासों ने गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा रचित श्री रामचरित मानस के चौपाइयों के आधार पर लीला में मेघनाद शक्ति का लक्ष्मण मूर्छा और कुंभकरण व मेघनाद के वध की लीला का मंचन कराया।मेघनाद शक्ति की लीला में लक्ष्मण को शक्ति लगने पर वो मूर्छित हो जाते है,तब मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम व्याकुल होकर विलाप करने लगते है।विभीषण की सलाह पर हनुमान जी सुषेण वैद्य को लंका से लाते है तब वैद्य बताते है कि सूर्योदय से पूर्व संजीवनी बूटी से ही लक्ष्मण के प्राण बचाए जा सकते है।तब हनुमान संजीवनी बूटी लाते है और लक्ष्मण के प्राण बच जाते है।रामादल में जयजयकार होने लगती है।फिर मेघनाद और लक्ष्मण का युद्ध होता है और लक्ष्मण अपने बाणों से मेघनाद का वध कर देते है।उसके बाद कुंभकरण को निद्रा से युद्ध हेतु जगाया जाता है और रावण की आज्ञा से कुंभकरण युद्धभूमि पहुंचता है। भगवान राम और कुंभकरण का युद्ध होता है जिसमे कुंभकरण का वध हो जाता है और पूरी वानरी सेना में भगवान राम और लक्ष्मण की जय जयकार होती है।मंचासीन व्यासो में रतीभान पांडेय,श्याम नारायण द्विवेदी,गोवर्धन शास्त्री एवं अन्य शास्त्र पारंगत महानुभाव के साथ राजनारायण शुक्ला,प्रशांत मिश्रा,बुधसागर मिश्रा,अभय राज मिश्रा,सभासद प्रतिनिधि जयचंद्र सोनकर एवं मेले में दर्शकों की भारी संख्या उपस्थित रही।मेला प्रबंधक चौधरी चंदन सिंह ने बताया कि कल मेले के आखिरी दिन शाम 5 बजे भगवान अपनी सेना व राक्षसी सेना के साथ नगर भ्रमण करने के पश्चात अहंकारी रावण के वध की लीला का मंचन किया जाएगा