फतेहपुर। प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत पांच अपात्रों को आवास आवंटित करने के मामले में आखिरकार सचिव पर गाज गिरी है। सचिव के साल 2024 के वेतन वृद्धि में स्थायी तौर पर रोक लगा दी गई है। इसके अलावा आवास का लाभ लेने वालों को दोषी माना गया है, जबकि सेक्टर अधिकारी व बीडीओ को जांच के दायरे से बाहर कर दिया गया है। यह जांच दो साल तक चली। विकास खंड गाजीपुर में वर्ष 2021 में पांच अपात्रों को पीएम आवास योजना का लाभ दिया गया। इसकी शिकायत पर तत्कालीन जिला ग्राम्य विकास अभिकरण के परियोजना निदेशक महेंद्र प्रसाद चौबे ने जांच की। उन्होंने 28 दिसंबर 2021 को अपनी रिपोर्ट तत्कालीन डीएम को सौंपी। इसमें अपात्रों को आवास देने की बात कही गई। इसके बाद तत्कालीन डीएम ने अपात्रों से वसूली और जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई के निर्देश दिए। इसके बाद भी दो सालों तक जांच कागजों पर ही चलती रही। डीएम सी. इंदुमती ने मामला संज्ञान में डीपीआरओ को फटकार लगाते हुए जल्दी ही कार्रवाई पूरी करने के निर्देश दिए। इसके बाद डीपीआरओ उपेंद्र राज सिंह ने तत्कालीन सचिव अनूप सिंह के खिलाफ वेतन वृद्धि की कार्रवाई की। डीपीआरओ की रिपोर्ट में लाभार्थी दोषी दर्शाए गए हैं, जबकि सेक्टर अधिकारी और बीडीओ को रिपोर्ट से बाहर कर दिया गया है। इसमें छह लाख की वसूली का भी आदेश दिया गया है।