जिले में फाइलेरिया उन्मूलन के लिए चलाए गए सामूहिक दवा सेवन ट्रिपल ड्रग थेरेपी आईडीए अभियान के तहत लोगों को घर-घर जाकर फाइलेरिया से बचाव की दवा दी जा रही है। आईडीए अभियान के तहत मॉपं अप राउंड बृहस्पतिवार से शुरू किया जा रहा है, जो कि पांच मार्च तक चलेगा। यह जानकारी सीएमओ डॉ. विजय पति द्विवेदी ने दी।

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हम सभी रोज़ाना स्वास्थ्य और बीमारियों से जुड़ी कई अफवाहें या गलत धारणाएं सुनते है। कई बार उन गलत बातों पर यकीन कर अपना भी लेते हैं। लेकिन अब हम जानेंगे उनकी हकीकत के बारे में, वो भी स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मदद से, कार्यक्रम सेहत की सच्चाई में। याद रखिए, हमारा उद्देश्य किसी बीमारी का इलाज करना नहीं, बल्कि लोगों को उत्तम स्वास्थ्य के लिए जागरूक करना है। सेहत और बीमारी को लेकर अगर आपने भी कोई गलत बात या अफवाह सुनी है, तो फ़ोन में नंबर 3 दबाकर हमें ज़रूर बताएं। हम अपने स्वास्थ्य विशेषज्ञों से जानेंगे उन गलत बातों की वास्तविकता, कार्यक्रम सेहत की सच्चाई में।

मौसम बदलने के कारण एक बार फिर जिला अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ गई है।

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जन्म से आठ साल की उम्र तक का समय बच्चों के विकास के लिए बहुत खास है। माता-पिता के रूप में जहाँ हम परवरिश की खूबियाँ सीखते हैं, वहीँ इन खूबियों का इस्तेमाल करके हम अपने बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ावा दे सकते है। आप अपने बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ाने और उन्हें सीखाने के लिए क्या-क्या तरीके अपनाते है? इस बारे में 'बचपन मनाओ-बढ़ते जाओ' कार्यक्रम सुन रहे दूसरे साथियों को भी जानकारी दें। अपनी बात रिकॉर्ड करने के लिए फोन में दबाएं नंबर 3.

आपको एक बात बता दूं , जैसा कि दुनिया भर में जाना जाता था कि कैंसर का कोई इलाज नहीं है , लेकिन हाल ही में भारत ने ऐसा किया है । यह कि कैंसर का इलाज मिल गया है , जिसके कारण भारत ने पूरी दुनिया में अपनी पहचान बनाई है , मुझे बताएं कि भारत या दुनिया में कहीं भी कैंसर के तीन चरण पाए जाते हैं , अगर एक और दो चरण पाए जाते हैं । यदि किसी व्यक्ति को कैंसर है , तो इसे नियंत्रित किया जाएगा , लेकिन जैसे ही तीसरी अवस्था आती है , इसे नियंत्रित करना बहुत मुश्किल हो जाता है , यानी यह नगण्य है । देश ने कैंसर उपचार कार्ट उपचारों की खोज की है , जिससे क्रोमियम जैसे कोटिंग्स और कार फिनिश का विकास हुआ है । नाम क्या है , इसे क्लोरीन एंटीजन और रेस्पिरेटरी कहा जाता है , यह डब्ल्यूबीसी की क्षमता को बढ़ाता है । यह रोग से लड़ने की क्षमताओं को मजबूत और विकसित करेगा जो डब्ल्यूबीसी के भीतर की जाएगी , जो तीन कंपनियों से बनी हैः टाटा सॉफ्ट और आईआईटी ।