सिकंदरपुर तहसील क्षेत्र के सिसोटार गांव में चकबंदी विभाग द्वारा किसानों का उत्पीड़न किया जा रहा है। चकबंदी विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार से किसानों में आक्रोश है। बुधवार को सीसोटार गांव के किसान दर्जनों की संख्या में तहसील में स्थित चकबंदी ऑफिस में पहुंचे। इसके बाद जांच करने आए एसओसी नरेंद्र कुमार सिंह के समक्ष जमकर बवाल किया। सभी किसानों का आरोप था, कि चकबंदी में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया गया है। 41 वर्षों से चकबंदी प्रक्रिया चल रही है। लेकिन अब तक वह पूरा नहीं हो सका। अगर ठीक ढंग से चकबंदी हुआ होता तो काश्तकारों को भी कोई कठिनाई नहीं होती और सैकड़ों एकड़ बचत की जमीन भी सरकार को मिल गई होती। वहीं सड़क नाली आदि की समस्या भी समाप्त हो गया होता लेकिन कुछ दलाल व विभागीय अधिकारियों के साठ गांठ के कारण बड़े पैमाने पर चकबंदी प्रक्रिया में भ्रष्टाचार किया गया है। किसानों ने एक स्वर से जांच करने आए अधिकारी से चकबंदी प्रक्रिया निरस्त कर पुनः चकबंदी करने की मांग किया। इस सम्बन्ध में जांच करने आए एसीओ नरेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि 16 सितंबर 2023 का प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व शासन ने निर्देश दिया है। 10 वर्ष से अधिक समय से चल रहे चकबंदी गांव का मार्च 2024 तक हर हालत में चकबंदी प्रक्रिया पूर्ण कराई जाए। लेकिन इस गांव में तमाम शिकायतें किसानों द्वारा की गई है। जिसका अभिलेखीय जांच कराया जा रहा है। एक सप्ताह के अंदर जांच पूरी हो जाएगी। जो भी दोषी होगा उसके ऊपर कठोर कार्रवाई की जाएगी।