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तमाम गैर सरकारी रिपोर्टों के अनुसार इस समय देश में बेरोजगारी की दर अपने उच्चतम स्तर पर है। वहीं सरकारें हर छोटी मोटी भर्ती प्रक्रिया में सफल हुए उम्मीदवारों को नियुक्त पत्र देने के लिए बड़ी-बड़ी रैलियों का आयोजन कर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री सहित मंत्रियों को भी आमंत्रित कर रही हैं, जिससे की बताया जा सके कि युवाओं को रोजगार उनकी पार्टी की सरकार होने की वजह से मिल रहा है।

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भारत में हर पाँच मिनट पर घरेलू हिंसा की एक घटना रिपोर्ट की जाती है। नेशनल फैमिली हेल्थ रिपोर्ट के अनुसार सख्त घरेलू हिंसा कानून- 2005 होने के बावजूद देश में हर तीन महिलाओं में से एक महिला घरेलू हिंसा की शिकार हैं। रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि 79.4% महिलाएं कभी अपने पति के जुल्मों की शिकायत ही नहीं करती। दोस्तों, हर रोज महिलाओं के खिलाफ जुर्म बढ़ रहे हैं , क्या अब हमारी संस्कृति को ठेस नहीं पहुंच रही , जिस पर इतने डींगे हाँकते है ? समाज में उत्पीड़न, शोषण और हिंसा का निरंतर बढ़ता ग्राफ अब बढ़ता ही जा रहा है। और जिस पर हमें अपनी चुप्पी तोड़नी ही होगी। हमें इस मुद्दे पर अपनी आवाज़ उठानी ही होगी।

हमारे जीवन में मोबाइल की पैठ इतनी बढ़ गई है कि अब इससे बचने का एक तरीका खोज लिया गया है । लोगों को करीब लाने के बजाय , मोबाइल अब अकेलापन पैदा करने लगे हैं । लोगों का बचपन भी आज मोबाइल में कहीं गुम हो गया है , लोगों के जीवन में मोबाइल का बढ़ता हस्तक्षेप देखकर सरकार और बुद्धिजीवी भी बहुत चिंतित हैं । इसके बाद अब जिले के कॉलेजों में मोबाइल फोन के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी चल रही है । मोबाइल फोन हाथ में आने के बाद मोबाइल फोन में लोगों के जीवन की खोज की जा रही है । युवाओं का भविष्य अब मोबाइल के साथ कॉलेजों में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने के लिए तैयार है । हालांकि , कॉलेजों में मोबाइल पर प्रतिबंध लगाना आसान नहीं रहा है । इसके लिए युवाओं को अपने भविष्य से निपटना होगा । देखिए और खुद को आगे आना ही होगा , तभी स्थिति में सुधार होगा और युवा पीढ़ी का भविष्य बेहतर होगा । अब हम इसके लिए एक अभियान शुरू कर रहे हैं , जिसे युवा पीढ़ी द्वारा मोबाइल की जरूरतों और कमियों के बारे में समझा जाएगा और इसके दुरुपयोग पर अंकुश लगाया जा सकता है । मोबाइल से खेलने के बजाय बचपन ने लोगों को मोबाइल के प्रभाव में अकेला कर दिया , साथ रहने के बाद भी वे अलग होने लगे हैं । लोग सामूहिक पारिवारिक परंपरा से दूर होने लगे हैं ।

युवाओं में बढ़ रहा है नशे का कारोबार

पर्यावरण शिक्षा मानवाधिकार जैसे मुद्दों पर हो सकती है युवाओं को पर्यावरण शिक्षा और मानवाधिकार जैसे मुद्दों पर बात करने के लिए एक विशेष मंच मिलेगा । यूनिसेफ ने युवाओं के प्रति पूर्वाग्रह नामक एक मंच बनाया है , जो युवाओं द्वारा युवाओं के लिए है के विषय पर आधारित एक डिजिटल समुदाय है जो युवाओं के विचारों को विश्व मंच पर ले जाना चाहता है । इसके माध्यम से युवा पर्यावरण शिक्षा , मानवाधिकार आदि मुद्दों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं , साथ ही अपनी राय व्यक्त कर सकते हैं । वॉयस ऑफ यू के तहत काम करने वाले युवाओं की एक पहल , यह युवाओं के लिए विकास के मुद्दों पर अपनी राय व्यक्त करने का एक स्थान है जो उनके लिए महत्वपूर्ण हैं । वैश्विक नागरिकों के रूप में विकसित होने में उनकी सहायता करें और उन्हें अपने देशों और समुदायों में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रभावी ढंग से संवाद करने के लिए तैयार करें । तेरह से चौबीस वर्ष की आयु वर्ग को प्रभावित करने वाले प्रमुख मुद्दों के बारे में जागरूक होने के लिए वॉयस ऑफ यूथ का उपयोग कौन कर सकता है जिससे अधिकांश लोग संबंधित हैं ? ऐसे लोग हैं जो दो सौ से अधिक देशों का प्रतिनिधित्व करते हैं , यदि आप एक शिक्षक हैं , तो युवा समिति के वी . एस . का लाभ उठाएं , वी . एस . ऑफ यूज़ शिक्षकों को अपने छात्रों को इस विश्वविद्यालय में जोड़ने के लिए प्रोत्साहित करता है ।

फूलपुर पवई , विधान सभा के निवासी नमस्ते मणिलम्प आजमगढ़ी । मैकना भाजपा मंडल के अध्यक्ष सूरज कुमार अब्राहरी को नगर युवा केंद्र आजमगढ़ के युवा मामलों और खेलों के लिए जिला युवा सलाहकार समिति के सदस्य के रूप में नामित किया गया है । सूरज कुमार अबरली को केंद्रीय युवा कार्यक्रम और खेल मंत्री अनुराग ठाकुर द्वारा युवा कार्यक्रम पर जिला युवा सलाहकार समिति के सदस्य के रूप में नामित किया गया था । संगठन द्वारा जारी पत्र सूरज कुमार अग्रहरी मेदना मंडल के अध्यक्ष सूरज कुमार अग्रहरी को भी प्राप्त हुआ और उन्होंने कहा कि मैं संगठन द्वारा दी गई जिम्मेदारी से बहुत खुश हूं ।