हमारे जीवन में मोबाइल की पैठ इतनी बढ़ गई है कि अब इससे बचने का एक तरीका खोज लिया गया है । लोगों को करीब लाने के बजाय , मोबाइल अब अकेलापन पैदा करने लगे हैं । लोगों का बचपन भी आज मोबाइल में कहीं गुम हो गया है , लोगों के जीवन में मोबाइल का बढ़ता हस्तक्षेप देखकर सरकार और बुद्धिजीवी भी बहुत चिंतित हैं । इसके बाद अब जिले के कॉलेजों में मोबाइल फोन के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी चल रही है । मोबाइल फोन हाथ में आने के बाद मोबाइल फोन में लोगों के जीवन की खोज की जा रही है । युवाओं का भविष्य अब मोबाइल के साथ कॉलेजों में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने के लिए तैयार है । हालांकि , कॉलेजों में मोबाइल पर प्रतिबंध लगाना आसान नहीं रहा है । इसके लिए युवाओं को अपने भविष्य से निपटना होगा । देखिए और खुद को आगे आना ही होगा , तभी स्थिति में सुधार होगा और युवा पीढ़ी का भविष्य बेहतर होगा । अब हम इसके लिए एक अभियान शुरू कर रहे हैं , जिसे युवा पीढ़ी द्वारा मोबाइल की जरूरतों और कमियों के बारे में समझा जाएगा और इसके दुरुपयोग पर अंकुश लगाया जा सकता है । मोबाइल से खेलने के बजाय बचपन ने लोगों को मोबाइल के प्रभाव में अकेला कर दिया , साथ रहने के बाद भी वे अलग होने लगे हैं । लोग सामूहिक पारिवारिक परंपरा से दूर होने लगे हैं ।