उत्तरप्रदेश राज्य के जिला अमेठी से एम.पी मिश्रा की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से विजय शर्मा से हुई। विजय शर्मा यह बताना चाहते है कि महिलाओं को भूमि अधिकार उन्हें आत्मनिर्भर बना देंगे, जिससे देश-विदेश में प्रगति होगी। इससे पुरुषों को भी लाभ होगा। आज पुरुष जमीन बेचकर खा ले रहे है। महिला बच्चे अनाथ हो रहे हैं, जबकि भूमि उनका सहारा है। अगर उनको जमीनी अधिकार मिलेगा तो वह सभी काम खुद कर सकती है अपना परिवार चला सकती है।

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला अमेठी से एम.पी मिश्रा की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से राजेश यादव से हुई। राजेश यादव यह बताना चाहते है कि महिला को जमीनी हक मिलना चाहिए। महिलाओं को हक़ मिलना चाहिए उनके साथ अन्याय हो रहा है। सरकार भी यह चाहती है कि उनको अधिकार मिले और अधिकार मिलने से महिला सशक्त बनेंगे , आगे बढ़ेगी और समाज आगे बढ़ेगा। पहले भी महिलाओं को अधिकार मिलता था।

सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में...

"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ कपिल देव शर्मा नींबू के फसल के बारे में जानकारी दे रहे हैं। विस्तारपूर्वक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें

मोटाभाई ने महज एक शादी में जितना खर्च किया है, वह उनकी दौलत 118 बिलियन डॉलर का 0.27 है। जबकि उनकी दौलत कृषि संकट से जूझ रहे देश का केंद्रीय बजट का 7.5 प्रतिशत से भी कम है। जिस मीडिया की जिम्मेदारी थी कि वह लोगों को सच बताएगा बिना किसी का पक्ष लिए, क्या यह वही सच है? अगर हां तो फिर इसके आगे कोई सवाल ही नहीं बनता और अगर यह सच नहीं तो फिर मीडिया द्वारा महज एक शादी को देश का अचीवमेंट बताना शुद्ध रूप से मुनाफे से जुड़ा मसला है जो विज्ञापन के रुप में आम लोगों के सामने आता है। क्योंकि मीडिया का लगभग पचास प्रतिशत हिस्सा तो मोटाभाई का खुद का है और जो नहीं है वह विज्ञापन के लिए हो जाता है "कर लो दुनिया मुट्ठी में” की तर्ज पर। दोस्तों, इस मुद्दे पर आप क्या सोचते है ?अपनी राय रिकॉर्ड करें मोबाईलवाणी पर, अपने फोन से तीन नंबर का बटन दबाकर या फिर मोबाईल का एप डाउनलोड करके।

उत्तरप्रदेश राज्य के अमेठी से एमपी मिश्रा की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से अम्बा सिंह से हुई। ये कहते है कि महिलाओं के नाम जमीन होना चाहिए। आगे अगर बच्चे बड़े हो गए , महिला के पास कुछ न रहे और बच्चे उन्हें नहीं पूछे तो आगे उन्हें दिक्कत होगा । महिलाओं के पास जमीनी अधिकार होना चाहिए ताकि किसी भी परिस्थिति में वो आगे अपना भरण पोषण करने लायक रहे

"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के अंतर्गत कृषि विशेषज्ञ जीव दास साहू ,ज्वार के फसल के लिए मिट्टी एवं बीज का चयन और बीज शोधन की जानकरी दे रहे हैं। ज्वार के फसल से जुड़ी कुछ बातें किसानों को ध्यान में रखना ज़रूरी है। इसकी पूरी जानकारी सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें.

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला अमेठी से एम.पी मिश्रा की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से शम्भू नाथ से हुई। शम्भू नाथ यह बताना चाहते है कि महिलाओं को जमीनी हक़ मिलना चाहिए। महिला आज सभी क्षेत्रों में आगे है। शिक्षा में भी महिला आगे बढ़ रही है। अगर पुरुष के नाम से जमीन रहता है तो वह नशीली प्रदार्थों का सेवन करने के कारण जमीन को बेच देता है, लेकिन घर से जुडी महिलाओं का कई जिम्मेदारियां होती है। जमीनी हक देने से महिलाए जमीन सुरक्षित रखेगी। आज भी महिलाओं को गांव में जमीनी हक़ देने इस पीछे हैट रहे है।

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला अमेठी से एम.पी मिश्रा की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से काजल मिश्रा से हुई। काजल मिश्रा यह बताना चाहती है कि महिलाओ को जमीनी हक मिलना चाहिए ताकि महिलाओं को पुरुषों से सम्मान मिल सके। इससे महिलाओं की समाज में इज़्ज़त बढ़ जाती है।

सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में...