बिहार राज्य के जिला औरंगाबाद से सलोनी कुमारी , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहती है कि कई महिला मोबाइल वाणी पर चल रहे कार्यक्रम अपनी जमीन अपनी आवाज़ को सुनी और बोली की कि यह बहुत अच्छी कार्यक्रम है। इस कार्यक्रम में महिलाओं के हक़ के बारे में बात हो रही है। कई महिला कार्यक्रम को सुनकर अपने जीवन में परिवर्तन कर रही है। एक विधवा है जिनको घर से निकाला जा रहा था। लेकिन जब उनके ससुर को यह कार्यक्रम को सुनाया गया तो वह सुनकर और समझकर अपनी बहु को जमीन में हिस्सा दिए है। अब वह महिला उस जमीन में खेती कर रही है।

बिहार राज्य के औरंगाबाद जिला से मोबाइल वाणी संवाददाता सलोनी कुमारी ने नेहा से बातचीत की जिसमें उन्होंने जानकारी दी कि मोबाइल वाणी के कार्यक्रम को वो पिछले कई महीनों से सुन रही हैं। वो छह बहनें ही है उनका कोई अपना भाई नहीं है ,फिर भी इन्हें पैतृक संपत्ति में कोई हक नहीं मिल रहा था। उनके चाचा पूरी जमीन पर कब्ज़ा करना चाहते थे। लेकिन नेहा ने अपने पिता जी को भी यह कार्यक्रम सुनाया और धीरे - धीरे कार्यक्रम सुनते हुए उनके परिवार ने यह निर्णय लिया की बेटियों को भी भूमि में बराबर हक मिलना चाहिए। कार्यक्रम का यह प्रभाव पड़ा की उनके सभी बहनों को जमीन में हक दिया गया है। अब वह इस जमीन पर खेती भी कर रही है ।

बिहार राज्य के औरंगाबाद जिला से मोबाइल वाणी संवाददाता सलोनी कुमारी ने प्रीति से बातचीत की जिसमें उन्होंने जानकारी दी कि मोबाइल वाणी के कार्यक्रम को वो पिछले कई महीनों से सुन रही हैं। इस कार्यक्रम को सुन कर उन्हें बहुत जानकारी मिली है। इसके साथ ही उनके परिवार के सोच में भी परिवर्तन आया है। उनके पिता जी पहले लड़का और लड़की में भेदभाव करते थे। लेकन अब उनके पिता ने अपनी बेटियों को भी जमीन में बराबर का अधिकार दिया है। जिससे उनका आर्थिक स्थिति बहुत अच्छा हुआ है

पिछले छह महीने से चल रहे कार्यक्रम 'अपनी जमीन अपनी आवाज़ ' को काफी हद तक श्रोताओं ने सराहा है और सभी ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। कई श्रोताओं ने इस कार्यक्रम को लेकर सकारात्मक प्रतिक्रिया भी दिया । कार्यक्रम के माध्यम से समाज में कई परिवर्तन आ रहा है। एक महिला को पति के देहांत के बाद ससुराल से निकाल दिया गया ,मायके से सहयोग तो मिला पर भाई की तरफ से सहयोग नहीं मिला। पिता को पैतृक संपत्ति में बेटी का अधिकार की जानकारी नहीं थी ,पर कार्यक्रम के ज़रिये पिता को समझाया गया जिसके बाद उन्हें जमीन में हिस्सा मिला ,जिसके माध्यम से वो सशक्त और आत्मनिर्भर बनी। वहीं एक महिला उर्मिला देवी का कहना है कि इनके घर में अपनी जमीन अपनी आवाज़ कार्यक्रम सुना जाता है और इस कार्यक्रम से प्रभावित हो कर विचार में बदलाव आया और यह निर्णय लिया कि वो अपनी बेटी को दहेज़ न देकर जमीन का हिस्सा देंगी। दोस्तों , भले ही कार्यक्रम समाप्त हो रहा है लेकिन समाज में बदलाव की बयार धीरे धीरे ही सही बहने लगी है।

पिछले छह महीने से चल रहे कार्यक्रम 'अपनी जमीन अपनी आवाज़ ' को काफी हद तक श्रोताओं ने सराहा है और सभी ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। कई श्रोताओं ने इस कार्यक्रम को लेकर सकारात्मक प्रतिक्रिया भी दिया । कार्यक्रम के माध्यम से समाज में कई परिवर्तन आ रहा है। कार्यक्रम के माध्यम से एक महिला के जीवन में बहुत बदलाव आये है। उन्हें ये समझ आया की अपनी बहु और बेटियों को भी अच्छा जीवन देना चाहिए। जैसा परिस्थिति उन्होंने देखा है वो उनके बच्चो पर नहीं आना चाहिए। जब उन्हें हिस्सा मिला तो, ये हिस्सा उन्हें अपनी बहु और बेटियों को भी देना चाहिए। बलरामपुर जिला की रहने वाली एक महिला के पति ने इस कार्यक्रम से प्रेरित हो कर 18x100 का प्लॉट अपने पत्नी के नाम कर दिया। दोस्तों , भले ही कार्यक्रम समाप्त हो रहा है लेकिन समाज में बदलाव की बयार धीरे धीरे ही सही बहने लगी है।

बिहार राज्य के जिला औरंगाबाद से शिवकुमारी देवी की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से संजना कुमारी से हुई। संजना कुमारी यह बताना चाहती है कि मोबाइल वाणी के माध्यम से चल रहे कार्यक्रम अपनी जमीन अपनी आवाज़ सुनकर उनको यह सीख मिली कि महिलाओं को भी पढ़ना चाहिए, ताकि वह आत्मनिर्भर बन सके। महिलाओं के जमीनी हक़ के बारे में पता चला। उनके पिता जमीन में हक़ देंगे।

बिहार राज्य के औरंगाबाद जिला से मोबाइल वाणी संवाददाता सलोनी कुमारी ने नेहा देवी से बातचीत की जिसमें उन्होंने जानकारी दी कि मोबाइल वाणी के द्वारा उन्हें बहुत सारी जानकारी मिली। इस कार्यक्रम को उन्होंने अपने मायके में भी सुनाया और अपने पिता से जमीन में हक लेने की बात कही तो उनके बड़े पिताजी नहीं माने। लेकिन धीरे - धीरे कार्यक्रम सुनते हुए उनके परिवार ने यह निर्णय लिया की बेटियों को भी भूमि में बराबर हक मिलना चाहिए। हमें सभी बहनों को जमीन में हक दिया गया है। अब मैं इस जमीन पर खेती भी कर रही हूँ

बिहार राज्य के औरंगाबाद जिला से मोबाइल वाणी संवाददाता शिव कुमारी ने कोमल कुमारी से बातचीत की जिसमें उन्होंने जानकारी दी कि मोबाइल वाणी पर चल रहे कार्यक्रम मेरी जमीन मेरा अधिकार को सुन कर उनके जीवन में बहुत अच्छा बदलाव आया है। इस कार्यक्रम को सुन कर उन्हें जानकारी मिली की महिलाओं का शिक्षित होना और आत्मनिर्भर होना बहुत जरुरी है। इसलिए वो अब अच्छी तरह से पढ़ाई करती हैं और उच्च शिक्षा के लिए भी प्रयास करेंगी। जिससे की वो आगे चल कर आत्मनिर्भर बन सके

बिहार राज्य के औरंगाबाद जिला से मोबाइल वाणी संवाददाता सलोनी कुमारी ने सनीशा कुमारी से बातचीत की जिसमें उन्होंने जानकारी दी कि मोबाइल वाणी पर चल रहे कार्यक्रम मेरी जमीन मेरा अधिकार को सुन कर उनके घर में काफी बदलाव आया है। उनके दादा जी ने घर की महिलाओं को भी जमीन में हिस्सा दिया और अब उनकी माँ और भाभी उस पर खेती कर रही हैं। यह कार्यक्रम सुन कर महिलायें आत्मनिर्भर हो रही हैं।

बिहार राज्य के औरंगाबाद जिला से मोबाइल वाणी संवाददाता सलोनी कुमारी ने संगीता कुमारी से बातचीत की जिसमें उन्होंने जानकारी दी कि मोबाइल वाणी पर चल रहे कार्यक्रम मेरी जमीन मेरा अधिकार को सुन कर उनके घर में काफी बदलाव आया है। उनकी माँ के नाम पर जमीन हैं और वो इस पर खेती भी करती हैं। इसके साथ ही उन्होंने जानकारी दी की यह कार्यक्रम महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक कर रहा है। इसके साथ ही महिलाओं का आत्मनिर्भर होना क्यों जरुरी है, इन सभी बातों से अवगत करवाया। अब बहुत सी महिलायें जागरूक हुई हैं और अपने अधिकारों और अपने भविष्य के लिए आगे आने का प्रयास भी कर रही हैं