बिहार राज्य के औरंगाबाद जिले से सुहानी कुमारी के द्वारा मोबाइल वाणी पर एक कविता सुनाई गई, चिड़िया चिड़िया उड़ती जा, छोटी चिड़िया उड़ रही खा रही आनाज, एक चिड़िया उड़ गई, बाकि बची तीन विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।
बिहार राज्य के औरंगाबाद जिले से सुहानी कुमारी के द्वारा मोबाइल वाणी पर एक कविता सुनाई गई, धम्मक धम्मक आता हाथी, धम्मक धम्मक जाता हाथी, कितने केले खाता हाथी, अपनी सूड़ हिलता हाथी , विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।
बिहार राज्य के औरंगाबाद जिले से सुहानी कुमारी के द्वारा मोबाइल वाणी पर एक कविता सुनाई गई, मोटू सेठ सड़क पर लेट, गाड़ी आई फैट गया पेट, गाड़ी का नं 88, गाड़ी गई इंडिया गेट विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।
जैसा की आपको पता है की बच्चों के पेट में होने वाले कृमि संक्रमण को रोकने के लिए प्रदेशभर में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस अभियान चलाये जा रहे है जिससे बच्चे स्वस्थ्य और सुरक्षित रहे। हर साल 10 फरवरी को भारत राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस मनाता है।इस दिन सभी आँगनबाड़ी केन्द्रो , सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रो पर एवं सभी प्राथमिक व उच्च माध्यमिक स्कूलों में 1 से 14 वर्ष तक के बच्चों में कीड़ों के असर को खत्म करने की दवा खिलायी जाती है। देश भर में बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार और कृमि मुक्ति के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए उठाया गया यह एक सराहनीय कदम है। दोस्तों हर वर्ष की भाँति इस वर्ष भी कृमि रोग के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए एक खास थीम बनाई गयी है.,इस साल यानी 2024 की थीम है “एसटीएच हटाएं: बच्चों के स्वस्थ भविष्य में निवेश करें”। यह थीम देश को कृमि मुक्त कैसे करें,यह समझने में मदद करने के लिए बनायीं गई है। कृमि रोग बच्चों में होने वाली गंभीर स्वास्थ्य समस्या है जो बच्चो के मानसिक और शारीरिक विकास को प्रभावित करता है। इसलिए आइये हम सब मिलकर एक संकल्प ले और इस अभियान का हिस्सा बन कर देश को कृमि मुक्त बनाये और बच्चों के भविष्य को सुंदर बनाये और सुरक्षित करें। मोबाइल वाणी परिवार की और से आप सभी श्रोताओं को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस की बहुत बहुत शुभकामनाएं
नमस्कार मैं सोलोनी कुमारी बोल रही तो दोस्तों , आप सुन रहे हैं और रंगाबाद मोबाइल वानी तो दोस्तों , आइए हम एक लड़की से मिलने जाएं जो आपको एक कविता सुनाएगी नमस्कार दोस्त , मेरे दिमाग में एक कविता है । आकाश में बच्चे उड़ रहे थे , पेड़ों में अंडे और किस्म जलिया पहाड़ी पर पेड़ों में पत्ते । तो दोस्तों , आपको यह कविता कैसी लगी , आप भी इस कविता को सुनकर और अंगपन मोबाइल बानी पर बटन तीन दबाकर अपनी कहानी बता सकते हैं ।
नमस्कार दोस्तों , मैं सरोनी कुमारी हूँ , इसलिए दोस्तों , आज मैं एक बच्चे से मिलने जा रहा हूँ , इसलिए मैं आपको एक कहानी सुनाऊंगा । नमस्कार दोस्तों , आज हमारा नाम सौरभ कुमार है । आज मैं कहानी बताने जा रहा हूँ । कहानी का नाम बंदर और गिलहरी वहाँ जंगल में एक विशाल आम का पेड़ था , उस पर कई बंदर रहते थे । हरी गौरैया , तोता , कोयल आदि सभी बहुत समान थे । सभी ने एक - दूसरे की खुशी और दुख का ख्याल रखा । सभी लोग खुशहाल जीवन व्यतीत कर रहे थे । एक बार एक बंदर पेड़ की एक शाखा पर आराम कर रहा था । बंदर की पूंछ बहुत लंबी थी । यह इतना लंबा था कि जब जब मीन लटक रहा था , एक गिलहरी इधर - उधर कूद रही थी , जैसे ही उसे कुछ अनाज मिल रहा था ।
नमस्कार दोस्तों , मैं सलोनी कुमारी बोल रही हूँ , तो दोस्तों , आप सुन रहे हैं , और रंगपाड़ा मोबाइल वानी , तो दोस्तों , आइए हम एक बच्चे से मिलें जो कुछ कविताएँ पढ़ेगा । नमस्कार दोस्तों , आज मैं आपको बताने जा रहा हूँ । झूले के नाम पर अम्मा आज झूल रही है , मैं उस पर झूलूंगी , उस पर चढ़ूंगी , मैं आसमान को छुऊंगी , झूल रहा है , झूल रहा है , मुझे पता है कि इस झूलने का एक बड़ा कारण है ।
नमस्कार दोस्तों , मैं सिलोनी कुमारी बोल रही हूँ , तो दोस्तों , आप सुन रहे हैं , ओरंगा बड़वानी , तो दोस्तों , मैं आपको एक बच्चे से मिलवाता हूँ जो आपको एक कविता सुनाएगा । आज हम हमारा नाम है सौरभ कुमार आज हम तेरे हैं गुब्बारे रंग बिरंगे प्यारे प्यारे ले लो और रंगीन गुब्बारे लाल हरा और पीला ले लो नीला और चमकदार ले लो गोल गोल है मोटा मोटा लघु छोटे सुंदर कॉपी गुब्बारे ले लो , फेंक दो , उनके साथ खेलो , अगर तुम उन्हें ध्यान से नहीं पकड़ोगे , तो गुब्बारे फट जाएंगे , अगर तुम उन्हें पकड़ोगे , तो गुब्बारे उड़ जाएंगे , इसलिए दोस्तों , यह एक बच्चे की कविता है , जब आप अपने मोबाइल फोन पर बटन दबाते थे तो आपको कैसा लगता था ?
Transcript Unavailable.
सुनिए एक प्यारी-सी लोरी। हमारे देश के अलग-अलग राज्यों में कई भाषाओं की लोरियां गाई जाती है। इनकी मदद से आप अपने बच्चों के मानसिक और भावनात्मक विकास को बेहतर कर सकते है।आज की लोरी आपको कैसी लगी? क्या आपके बच्चे ने ये लोरी सुनी? क्या आपके पास भी कोई प्यारी-सी लोरी है? तो अपनी आवाज़ में रिकॉर्ड करें, फ़ोन का नंबर 3 बटन दबाकर।
