बिहार राज्य के औरंगाबाद जिला से शिवकुमारी देवी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि वे गाँव में जाती है तो देखती है कि बेटा और बेटी को समानता का अधिकार तो दिया जाता है, लेकिन संपत्ति में बेटियों को अधिकार नहीं दिया जाता है। क्योंकि बेटी को दहेज़ दे कर उसका विवाह करवा दिया जाता है। लेकिन दहेज़ देने से बेटियों को ससुराल में वो अधिकार नहीं मिलता है, जो उन्हें मिलना चाहिए। इसलिए बेटियों को दहेज़ देने के बजाय उन्हें संपत्ति का अधिकार देना चाहिए