बिहार राज्य के औरंगाबाद जिला से मोबाइल वाणी संवाददाता सलोनी कुमारी जानकारी दे रही हैं कि भारत एक पुरुष प्रधान समाज रहा है जिसमें महिलाओं के अधिकारों को हमेशा दबाया गया है, उन्हें केवल घरेलू काम करने के लिए घर की चारदीवारी तक सीमित रखा गया है। महिलाएं आमतौर पर अपने अधिकारों के बारे में नहीं जानती हैं और जब तक उन्हें बताया न जाए, तब तक भूमि के स्वामित्व के बारे में सोचती भी नहीं हैं। हमें महिलाओं को अपने भूमि अधिकारों के लिए लड़ने और उनके अधिकारों को लेने के लिए पर्याप्त जागरूक करना होगा।
