बिहार राज्य के औरंगाबाद जिला से सलोनी कुमारी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि चार - चरणीय सार्वजनिक स्वास्थ्य दृष्टिकोण जो हिंसा को रोकने के लिए एक उपयोगी रुपरेखा प्रदान करता है।जिसमे पहला समस्या को परिभाषित करना, दूसरा कारकों और जोखिम कारकों की पहचान करना,तीसरा हस्तक्षेपों को डिजाइन और उनका प्रशिक्षण करना,चौथा निरंतर निगरानी और मूल्यांकन द्वारा समर्पित प्रभावी हस्तक्षेपों को लागू करना और बढ़ाना । इन सभी तरीकों से हिंसा को रोका जा सकता है