मध्यप्रदेश राज्य के इंदौर से सुषमा ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि बूथ कैप्चरिंग बदल गया है । इसके तौर तरीकों में बदलाव आया है। पहले नेता और कार्यकर्त्ता द्वारा बूथ कैप्चरिंग की जाती थी पर अब अधिकारी और एजेंसी द्वारा यह किया जा रहा है। सत्ता पक्ष के लोग एजेंसी पर दबाव बना कर यह कार्य किया जा रहा है। झारखण्ड में भी यही हो रहा है। जनता को सावधान रहना होगा

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"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ कपिल देव शर्मा मिर्च में लगने वाले माइट कीट और इसके नियंत्रण की जानकारी दे रहे हैं । अधिक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें

हंसने-हंसाने से इंसान खुश रहता है, जिससे मानसिक तनाव, चिंता और डिप्रेशन कम होता है। दोस्तों, उत्तम स्वास्थ्य के लिए हंसी-मज़ाक बहुत ज़रूरी है। इसीलिए मोबाइल वाणी आपके लिए लेकर आया है कुछ मजेदार चुटकुले, जिन्हें सुनकर आप अपनी हंसी रोक नहीं पाएंगे।

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नमस्कार/आदाब श्रोताओं, मोबाइल वाणी आपके लिए लेकर आया है रोजगार समाचार यह नौकरी उन लोगों के लिए है जो मध्यप्रदेश इंदौर में अलर्ट्स हाउसिंग प्रा. लिमिटेड इंदौर में बिक्री कार्यकारी के पद पर काम करने के लिए इच्छुक हैं। वैसे उम्मीदवार इन पदों के लिए आवेदन कर सकते है जिन्होंने उच्चतर माध्यमिक 12वीं पास किया हो। इस पद के लिए आवेदनकर्ता को स्थानीय भाषा के साथ-साथ अंग्रेजी भाषा और कंप्यूटर की जानकारी होनी चाहिए । इन पदों पर वेतन 10,000.00 - ₹13,000.00 प्रतिमाह दिया जाएगा । साथ ही उम्मीदवार के पास अपना दोपहिया वाहन और वैध ड्राइविंग लाइसेंस होना चाहिए। इच्छुक उम्मीदवार किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए इस नंबर से संपर्क कर सकते हैं नंबर है - 917223896389 .और अपना बायोडाटा भेज सकतें हैं। तो साथियों,अगर आपको यह जानकारी लाभदायक लगी, तो मोबाइल वाणी ऐप पर लाइक का बटन दबाये साथ ही फ़ोन पर सुनने वाले श्रोता 5 दबाकर इसे पसंद कर सकते है। नंबर 5 दबाकर यह जानकारी आप अपने दोस्तों के साथ भी बाँट सकते हैं।

बनो नई सोच ,बुनो हिंसा मुक्त रिश्ते की आज की कड़ी में हम सुनेंगे यौन हिंसा के बारे में।

आप सभी ने बूथ कैप्चरिंग के बारे में तो सुना ही होगा, हो सकता है किसी ने देखा भी हो। मोटा-मोटी कहा जाए तो हर कोई जानता है कि बूथ कैप्चरिंग क्या होती है और कैसे होती है। इसको और बेहतर तरीके से समझना हो तो इस तरह से भी देखा जा सकता है कि भारत में होने वाले सभी प्रकार के चुनावों में पंचायत से लेकर संसद तक के चुनाव में सुरक्षा बल एक अनिवार्य जरूरत हैं। सुरक्षा बलों के बिना निष्पक्ष चुनावों की कल्पना भी नहीं की जा सकती। पिछले 75 सालों में इस एक मसले पर कुछ भी नहीं बदला है। यह हाल तब है जब पुलिस, प्रशासन और सुरक्षा बलों को देख कर डरने की प्रवत्ति आम है। ऐसे में कहना कि चुनाव निष्पक्ष होते हैं एक क्रुर मजाक से ज्यादा कुछ नहीं।

Moment 21 इक्कीसवीं सदी का सामाजिक आंदोलन विषय पर पूर्व आईएएस अधिकारी समान चंद्रशेखर कर सर से विशेष बातचीत