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सरकार को भारत रत्न देने के अलावा किसानों को उनके अधिकार भी देने चाहिए , आखिर उनकी मांग भी तो बहुत छोटी सी है कि उन्हें उनकी फसलों का बेहतर मूल्य मिले। हालांकि किसानों की इस मांग का आधार भी एम एस स्वामीनाथन समिति की सिफारिशें हैं जो उन्होंने आज से करीब चार दशक पहले दी थीं। इन चार दशकों में न जाने स्वामीनाथन समिति की सिफारिशों को लागू करने का वादा करके न जाने कितनी सरकारें आईं और गईं, इनमें वर्तमान सरकार भी है जिसने 2014 के चुनाव में इन सिफारिशों को लागू करने का वादा प्रमुखता से किया था। -------दोस्तों आप इस मसले पर क्या सोचते हैं, क्या आपको भी लगता है कि किसानों की मांगो को पूरा करने की बजाए भारत रत्न देकर किसानों को उनके अधिकार दिलाए जा सकते हैं? --------या फिर यह भी किसानों को उनके अधिकारों को वंचित कर उनके वोट हासिल करने का प्रयास है.
मध्यप्रदेश राज्य के इंदौर से हर्ष चौहान ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि बूथ कैप्चरिंग आज का ही विचार नहीं है यह कई वर्षों से चुनाव में होते आया है ।पहले दबंगों द्वारा बूथ कैप्चरिंग करवाई जाती थी। इसका परिणाम यह रहता था कि उम्मीदवार चाहे योग्य हो या अयोग्य लेकिन केवल अयोग्य लोग ही चुन कर संसद में जुड़ते थे। पहले दबंगई द्वारा होता था बूथ कैप्चरिंग ,आज ईवीएम द्वारा होता है। वर्तमान में उच्चतम न्यायालय में ई . वी . एम . पर सुनवाई के दौरान , मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि अभी - अभी एक करोड़ से अधिक मतदाताओं को पकड़ा गया है । जिन नकली मतदाताओं को नकली के रूप में हटा दिया गया है। जो आने वाली मतदाता सूचि में नहीं दिखेंगे
हंसने-हंसाने से इंसान खुश रहता है, जिससे मानसिक तनाव, चिंता और डिप्रेशन कम होता है। दोस्तों, उत्तम स्वास्थ्य के लिए हंसी-मज़ाक बहुत ज़रूरी है। इसीलिए मोबाइल वाणी आपके लिए लेकर आया है कुछ मजेदार चुटकुले, जिन्हें सुनकर आप अपनी हंसी रोक नहीं पाएंगे।
रूढीवाद सामाजिक विज्ञान के तहत स्थापित एक ऐसी विचारधारा है जो पारंपरिक मान्यताओं का अनुकरण तार्किककता या वैज्ञानिकता के बजाए केवल आस्था तथा प्राप्त अनुभवों के आधार पर करती है। यह सामाजिक और नैतिक मान्यताओं को चिरकाल तक प्रचलित मान्यताओं और व्यवस्थाओं के प्रति अपनी भागीदारी सिद्ध करती है। किसी भी समाज में व्याप्त रूढ़िवादिता जैसी बुराई किसी भी देश की प्रगति को पीछे धकेल देती है। रूढ़िवादिता हमारे नवयुवकों को भाग्यवादिता की और ले जाती है। इसके फलस्वरूप् वे कर्महीन हो जाते है और असफलताओं में अपनी कमियों को ढ़ूढने की बजाए इसे भाग्य की परिणिति का रूप दे देती है। आज हम बात करेंगे रूढ़िवादी बनाम बेडियां।
"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ जीवदास साहू लाही या माहू से फसलों को होने वाले नुकसान एवं उपचार सम्बंधित जानकारी दे रहे हैं । विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें...
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले में आम सभा कर रहे हैं।
मध्यप्रदेश राज्य के इंदौर से सुषमा ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि मीडिया पर फेक न्यूज़ का चलन ज्यादा हो गया है। फेक न्यूज़ से जनता तक गलत खबरे पहुँचती है और लोगों को सच्चाई नहीं पता चल पाती है