फैजाबाद, शान ए अवध का ऐसा नमूना जो लखनऊ से पहले बनाया गया है, खूबसूरत इतना की एक झलक में नजर ठहर जाए, घंटाघर पर बनी मस्जिद या फिर उसके सामने बना लॉयड दरवाजा फैजाबाद के प्रतीक चिन्ह हैं, बेतहाशा भीड़ से भरे बाजार की चिल्लम चिल्ली मैं, चूड़ी बेचता दुकानदार या फिर आलू चाट के लिए आवाज देता ठेलिया वाला। सब कुछ एक से एक उम्मदा बस जरूरत है उस नजर की जो आपको ठहरा दे, रोक दे और कहे की गुरु यही तो चाहिए था। मालूम नहीं की क्या चाहिए था लेकिन बस यही तो एक जगह थी प्रेमिका के लिए चूड़ी, पत्नी के लिए साड़ी, बच्चों के लिए जूते और बाप के लिए कुर्ता पजामा यहां सब कुछ मिलेगा।

डिस्क्रिप्शन: हंसने-हंसाने से इंसान खुश रहता है, जिससे मानसिक तनाव, चिंता और डिप्रेशन कम होता है। दोस्तों, उत्तम स्वास्थ्य के लिए हंसी-मज़ाक बहुत ज़रूरी है। इसीलिए मोबाइल वाणी आपके लिए लेकर आया है कुछ मजेदार चुटकुले, जिन्हें सुनकर आप अपनी हंसी रोक नहीं पाएंगे। हो जाइए तैयार, हंसने-हंसाने के लिए

दोस्तों, देश में बालिकाओं की हिस्सेदारी बढ़ाने, लड़कियों की शिक्षा से लेकर स्वास्थ्य, करियर के लिए मार्ग उपलब्ध कराने के उद्देश्य से हर साल 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जाता है। नेशनल गर्ल चाइल्ड डे का मुख्य उद्देश्य बालिका शिक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाना और देश में लड़कियों के सामने आने वाली असमानताओं के मुद्दों से निपटना और बेटियों के अधिकारों के बारे में सभी को बताना है। मोबाइल वाणी परिवार की और से आप सभी को राष्ट्रीय बालिका दिवस की बहुत बहुत शुभकामनाये।

सफलता हमेशा असफलता के स्तंभ पर खड़ी होती है। इसलिए किसी को भी असफलता से घबराना नहीं चाहिए। ये विचार थे महान नेताजी सुभाष चंद्र बोस जी के। "तुम मुझे खून दो,मैं तुम्हे आजादी दूंगा" का नारा देने वाले,जोशीले भाषणों से लोगों में ऊर्जा भरने वाले, आजादी की जंग में प्रमुख भूमिका निभाने वाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और महान क्रांतिकारी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती 23 जनवरी को मनाई जाती है।आज पूरा देश सुभाष चंद्र बोस की 127 वी जयंती मना रहा है जिसे पराक्रम दिवस के रूप में भी जाना जाता है। देश के महान सपूत और स्वतंत्रता सेनानी,सुभाष चंद्र बोस के जन्मदिन पर मोबाइल वाणी परिवार के तरफ से उनको सादर नमन एवं भावभीनी श्रद्धांजलि !

सुनिए एक प्यारी सी कहानी। इन कहानियों की मदद से आप अपने बच्चों की बोलने, सीखने और जानने की समझ बढ़ा सकते है। ये कहानी आपको कैसी लगी? क्या आपके बच्चे ने ये कहानी सुनी? इस कहानी से उसने कुछ सीखा? क्या आपके पास भी कोई नन्ही कहानी है? हमें बताइए, फ़ोन में नंबर 3 का बटन दबाकर।

जन्म से आठ साल की उम्र तक का समय बच्चों के विकास के लिए बहुत खास है। माता-पिता के रूप में जहाँ हम परवरिश की खूबियाँ सीखते हैं, वहीँ इन खूबियों का इस्तेमाल करके हम अपने बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ावा दे सकते है। आप अपने बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ाने और उन्हें सीखाने के लिए क्या-क्या तरीके अपनाते है? इस बारे में बचपन मनाओ सुन रहे दूसरे साथियों को भी जानकारी दें। अपनी बात रिकॉर्ड करने के लिए दबाएं नंबर 3.

हंसने-हंसाने से इंसान खुश रहता है, जिससे मानसिक तनाव, चिंता और डिप्रेशन कम होता है। दोस्तों, उत्तम स्वास्थ्य के लिए हंसी-मज़ाक बहुत ज़रूरी है। इसीलिए मोबाइल वाणी आपके लिए लेकर आया है कुछ मजेदार चुटकुले, जिन्हें सुनकर आप अपनी हंसी रोक नहीं पाएंगे। हो जाइए तैयार, हंसने-हंसाने के लिए...

"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ कपिलदेव शर्मा, मछली पालन कब और कैसे कर सकते है इस बारे में जानकारी दे रहे है। विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें...

हमारे देश में सभी को शिक्षा का अधिकार है लेकिन लड़कियों को इसके लिए कहीं अधिक संघर्ष करना पड़ता है। कई बार घर के काम के बोझ के साथ स्कूल के बस्ते का बोझ उठाना पड़ता है तो कभी लोगों की गंदी नज़रों से बच-बचा के स्कूल का सफर तय करना पड़ता है। जैसे-तैसे स्कूल पहुंचने के बाद भी यौन शोषण और भावनात्मक शोषण की अलग चुनौती है जो रोज़ाना उनके धैर्य और हिम्मत की परीक्षा लेती है। ऐसे में लड़कियों के लिए सुरक्षित माहौल बनाने की जिम्मेदारी शासन-प्रशासन के साथ साथ समाज की भी है। तब तक आप हमें बताइए कि * -----लड़कियों के स्कुल छोड़ने के या पढ़ाई पूरी ना कर पाने के आपको और क्या कारण नज़र आते है ? * -----आपके हिसाब से हमें सामाजिक रूप से क्या क्या बदलाव करने की ज़रूरत है , जिससे लड़कियों की शिक्षा अधूरी न रह पाए।

हंसने-हंसाने से इंसान खुश रहता है, जिससे मानसिक तनाव, चिंता और डिप्रेशन कम होता है। दोस्तों, उत्तम स्वास्थ्य के लिए हंसी-मज़ाक बहुत ज़रूरी है। इसीलिए मोबाइल वाणी आपके लिए लेकर आया है कुछ मजेदार चुटकुले, जिन्हें सुनकर आप अपनी हंसी रोक नहीं पाएंगे। हो जाइए तैयार, हंसने-हंसाने के लिए...