बिहार राज्य के खगरिया जिला से गौतम कुमार चौरसिया ने मोबाईल वाणी के माध्यम से सुमित कुमार से साक्षात्कार लिया।सुमित कुमार ने बताया कि पिछले पंद्रह सालों से विद्यालय की विधि व्यवस्था चरमराया हुआ है।सरकारी स्कूलों में शिक्षक समय पर स्कुल नहीं आते हैं और बच्चों की उपस्थिति भी कम होती है। जबकि प्राइवेट स्कूलों में विद्यार्थी और शिक्षक समय से आते हैं। बिहार के सत्तर से अस्सी प्रतिशत लोग ऐसे हैं जो मजदूरी करके अपना भरण - पोषण करते हैं । यहां प्रतिदिन मजबूरी का रेट सिर्फ चार सौ रुपये है।400 रुपये में इंसान अपना घर चलाएगा या बच्चे को प्राइवेट स्कूल में भेजेगा। अतः गरीबों को मज़बूरी में अपने बच्चों को सरकारी स्कूल में भेजना पड़ता है।