सीतापुर। जिला कारागार में 37 लाख 65 हजार रुपये की लागत से चार गोदामों का निर्माण होगा। इसमें जेल में तैयार ओडीओपी उत्पाद रखे जाएंगे। वहीं, गोदामों में राशन, बंदियों के कंबल व अन्य आवश्यक वस्तुएं भी रखी जाएंगी। इसकी कवायद शुरू हो गई। जेल अधीक्षक एसके सिंह ने बताया कि उप्र. राज्य निर्माण सहकारी संघ लिमिटेड चार गोदामों का निर्माण कराएगा। वर्तमान में जेल परिसर में छह गोदाम हैं। इनमें करीब 1,500 बंदियों को दिये जाने वाले कंबल, रजाई व अन्य जरूरी सामान रखा जाता है। राशन भी इसी में एडजस्ट किया जाता है। अब चार गोदाम बनने के बाद परिसर में कुल दस गोदाम हो जाएंगे। इनमें राशन व ओडीओपी संग अन्य उत्पादों का भंडारण अलग-अलग किया जा सकेगा।
सीतापुर। रेउसा थाना क्षेत्र में महिला खनन अधिकारी ने भैंसहा टपरा में चौका नदी में हो रहा अवैध खनन पकड़ा। वह खनन में लगी गाड़ियों को अपने कब्जे में लेकर रेउसा थाने पहुंचीं तो पुलिस अधिकारियों ने गाड़ियों को थाने में खड़ा करने से मना कर दिया। पुलिस की कार्यशैली से परेशान महिला खनन अधिकारी रात में ही मौके से 15 किमी. दूर बिसवां कोतवाली पहुंची और दो ट्रैक्टर व ट्राॅलियों को कोतवाली में खड़ा करवाया। जिला खनन अधिकारी शालिनी कुमारी ने बताया कि देर रात चौका नदी में अवैध खनन की सूचना मिली थी। छापा मारा तो कुछ लोग नदी से बालू खनन कर रहे थे। टीम को देखते खनन में लगे लोग भाग निकले। इस दौरान दो ट्रैक्टर-ट्रॉलियों को पकड़ा गया। ट्रैक्टर चालकों से खनन को लेकर कागजात मांगे गए लेकिन वह कोई आदेश नहीं दिखा सके।
सीतापुर/औरंगाबाद। आम की बागों में इस बार समय से पहले बौर आने लगा है। अभी दिसंबर चल रहा है, जबकि आमतौर पर फरवरी-मार्च में बौर निकलता है। समय से पहले आम के पेड़ में बौर आने को बागवान शुभ संकेत नहीं मान रहे हैं। बागवान हैरान व परेशान हैं। जानकार इसे मौसम का असर बता रहे हैं। खैराबाद व महमूदाबाद दो फल पट्टी हैं। करीब 17 हजार हेक्टेयर भू-भाग में आम की बागें हैं। यहां लगभग 2 लाख मीट्रिक टन आम का उत्पादन होता है। यहां के आम देेश भर में विख्यात हैं। इस बार आम की फसल पर मौसम का असर अभी से नजर आने लगा है। दिसंबर में कड़ाके की ठंड होती है, लेकिन इस बार फरवरी के अंत व मार्च की शुरुआत जैसी धूप खिली हुई है।
हंसने-हंसाने से इंसान खुश रहता है, जिससे मानसिक तनाव, चिंता और डिप्रेशन कम होता है। दोस्तों, उत्तम स्वास्थ्य के लिए हंसी-मज़ाक बहुत ज़रूरी है। इसीलिए मोबाइल वाणी आपके लिए लेकर आया है कुछ मजेदार चुटकुले, जिन्हें सुनकर आप अपनी हंसी रोक नहीं पाएंगे। हो जाइए तैयार, हंसने-हंसाने के लिए...
महाराजनगर। बिसवां तहसील क्षेत्र के सकरन विकास खंड में स्थित महाराजनगर दशहरा तालाब के सौंदर्यीकरण कार्य के लिए आया बजट कागजों पर खर्च हो गया। वहीं, सौंदर्यीकरण के अभाव में तालाब बदतर होता गया। ग्रामीणों ने इस बंदरबांट की जांच के लिए शासन को पत्र लिखा है। मुख्यमंत्री पर्यटन संवर्धन योजना के तहत महाराज नगर दशहरा मेला प्रांगण व तालाब सौंदर्यीकरण कार्य योजना के लिए 49 लाख 97 हजार रुपये का प्रस्ताव भेजा गया था। शासन ने इस प्रस्ताव के सापेक्ष 49 लाख 18 हजार रुपये की स्वीकृति दी। इसकी प्रथम किस्त के रूप में 24 लाख 59 हजार रुपये की धनराशि जारी की गई। इस धनराशि से तालाब का सौंदर्यीकरण होना था। यह पैसा कागजों पर ही खर्च हो गया। तालाब की स्थिति जस की तस बनी हुई है।
सीतापुर। अहमदनगर स्थित श्री कृष्णा कॉलेज में स्नातक व लॉ की परीक्षाओं का मखौल बना दिया गया है। यहां परीक्षार्थी बेरोकटोक मोबाइल से नकल कर पेपर हल करते हैं। सोमवार को एक परीक्षार्थी ने परीक्षा कक्ष का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। इसके बाद कॉलेज प्रशासन में हड़कंप मच गया। हालांकि, कॉलेज प्रशासन मामले पर सफाई देते हुए इसे आंतरिक परीक्षा बता रहा है। जबकि सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में एक परीक्षार्थी अपना पेपर व कॉपी भी दिखा रहा है। कॉपी पर बड़े अक्षरों में एलयू लिखा है। इससे स्पष्ट होता है, कि परीक्षा लखनऊ विश्वविद्यालय से संबंधित स्नातक की हो सकती है। परीक्षा कक्ष से वीडियो वायरल करने वाले छात्र ने इसे पहले फेसबुक पर भी लाइव किया। जिसमें उसने सामूहिक नकल की बात स्वीकारी। यह भी बताया कि सभी परीक्षार्थी मोबाइल के जरिए नकल कर पेपर हल कर रहे हैं। हालांकि बाद में कॉलेज प्रशासन ने छात्र पर सख्ती कर उसके फेसबुक से वीडियो डिलीट करा दिया।
सीतापुर। भीषण ठंड में शेल्टर होम तक पहुंचने के लिए जरूरतमंदों को चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। नगर पालिका इस बार मुसाफिरों को ई-रिक्शा के माध्यम से शेल्टर होम तक पहुंचाएगा। इसके बदले मुसाफिरों से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। नगरपालिका ने इसके लिए टोल फ्री नंबर जारी कर दिया है। यह व्यवस्था तत्काल प्रभाव से शुरू कर दी गई है। ठंड में लोगों को बचाने के लिए नगरपालिका ने शहर में चार रैन बसेरे बनाए हैं। साथ ही कोट कजियारा मोहल्ला में स्थाई रैन बसेरा बनाया गया है। इस बार लोगों को रैन बसेरे तक पहुंचने के लिए कोई परेशानी नहीं उठानी पड़ेगी। स्थाई रैन बसेरा कोट कजियारा मोहल्ले के अंदर होने से वहां पर रात में आने-जाने में दिक्कत होती थी। अब यह समस्या दूर हो गई है। नगरपालिका ने इसके लिए एक ई-रिक्शा चलवाया है। इस ई-रिक्शा के पीछे एक मोबाइल नंबर प्रदर्शित किया गया है। इस नंबर पर कॉल करने पर ई रिक्शा जरूरतमंद को रैन बसेरे तक पहुंचाएगा। यह ई-रिक्शा रोडवेज बस स्टेशन व रेलवे स्टेशन के पास मौजूद रहेगा।
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