मैं पल्लवी श्रीवास्तव सीतापुर मोबाइल वाणी से जहांगीरा बाद के सरकारी स्कूल में पीने का पानी तो आता है, लेकिन यहां शौचालय ही ढंग से नहीं बना है तो पानी कहां से आएगा। शौचालय में पानी की व्यवस्था बहुत ही गंदी हैं। बच्चों को अगर शौचालय जाना पड़ता है तो छात्राएं अपने घर जाना ज्यादा पसंद करतीं हैं। शौचालय गंदे होने की वजह से दूर-दूर तक बदबूं तक आती है। अब तो यहां बच्चे और टीचर दोनों ही इस चीज के लिए अब आदी हो चुके हैं। इसलिए कोई भी स्कूल में सभी लोग जब शौचालय के पास से निकलते हैं तो नाक पे कपड़ा लगा कर ही निकलना ज्यादा पसंद करते हैं। मेरे हिसाब से पहले विद्यालय के शिक्षक और हेड मास्टर के पास जाकर उनसे पूछताछ करनी चाहिए। वहां से अगर बात न बने। तो जिले में एक बेसिक शिक्षा विभाग का मुखिया जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी होता है ब्लॉक में खंड शिक्षा अधिकारी भी बैठते हैं दोनों में किसी से भी शिकायत कर सकते हैं अगर वहां से भी कोई बात नहीं बन रहीं तो, स्कूल कमेटी के मैनेजर से भी कह सकते हैं। उनसे भी अगर समस्या का समाधान नहीं हो रहा है तो डीएम से शिकायत कर सकते हैं। यहां अपनी राय भी आसानी से दे सकते हैं कि कैसे शिक्षा को और बेहतर बना सकते हैं।

मैं पल्लवी श्रीवास्तव सीतापुर मोबाइल वाणी से दो महीने पहले टमाटर के भाव मंडी में सातवें आसमान पे थे, तो अब प्याज सिर्फ काटने से ही आंसू नहीं निकाल रहा बल्कि उसके भाव सुन कर भी मध्यम वर्ग के लोगों की आंखों से आंसू बह रहे हैं। इतना ही नहीं आज जब मैं मंडी जाने को हुई तो पहले ही मंडी में बिकने वाली हर सब्जी के भाव पहले ही देख लिए थे। जब मंडी पहुंची तो मंडी में टमाटर और प्याज दोनों को वहां का विक्रेता एक ही भाव में दे रहा था। मैंने जब इस बात को लेकर विराेध किया तो वह बोला लेना है लीजिए बहन जी वरना आगे बढ़िए। मैंने उसे धमकी दी कि ज्यादा भाव पे समान बेचोगे तो तुम्हारी कंप्लेन मैं आगे करूंगी। वह डर गया और उसने टमाटर के सही भाव लगाकर मेरे को समान दिया। दोस्तो ताजुब तो इस बात का हुआ कि जिस भाव पर किसान सामान बेचता है उससे दोगुना ज्यादा भाव में ये लाेग बेच रहे हैं। मैं आप लोगों को अगले भाग में बताऊंगी कि किसान और मंडी में सब्जी के भाव का अंतर।

उत्तरप्रदेश के जिला सीतापुर से हमारे श्रोता , की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से उपेंद्र मिश्रा से हुई। उपेंद्र मिश्रा बताते है कि उनके गांव में कॉलेज नहीं है। जिसके कारण बच्चों को पढ़ने में परेशानी होती है।

उत्तरप्रदेश के जिला सीतापुर से हमारे श्रोता , की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से रामदेव तिवारी से हुई। रामदेव तिवारी बताते है कि उनको रोड में यात्रा करने के लिए बस की सुविधा चाहिए।

अस्पताल नहीं होने पर लोगों को हो रही दिक्कत

आवास ना मिलने के कारण हो रही है परेशान माताजी और उन्हें पेंशन भी नहीं मिल रहा नाम रुक्मिणी

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला सीतापुर से हमारे श्रोता, की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से हमारे श्रोता से हुई। श्रोता बताते है कि उनको इंदिरा आवास और पेंशन नहीं मिला है जिसके कारण उनको परेशानी हो रही है।

शौचालय की समस्या है लोगों को

शौचालय नहीं होने पर लोगों को हो रही है दिक्कत राम तीर्थ

पेंशन नहीं मिलने पर परेशान हैं किसान