मैं पल्लवी श्रीवास्तव सीतापुर मोबाइल वाणी से आप तुरंत कोई सूती कपड़ा तीन चार तह कर लीजिए और उसको ठंडा पानी में गिला करके निचोड़ लीजिए और उसको पेट पर रखिए गले पर रखिए और माथे पर रखिए आप दो-दो मिनट पर चेंज करते रहिए फिर पानी में गिला करके निचोड़ कर फिर पेट पर रखिए गर्दन पर रखिए माथे पर रखिए। इस तरह आप करेंगे 20 मिनट आधा घंटा में ही बुखार उतर जाएगा । अगर बुखार ना उतरे तो नारियल पानी एक गिलास दीजिए फिर एक डेढ़ घंटा के बाद मौसमी का जूस दीजिए फिर एक डेढ़ घंटे के बाद नारियल का पानी दीजिए फिर एक डेढ़ घंटे के बाद मुसम्मी का जूस दीजिए आप पूरा दिन इस तरह करिए अगर बुखार ज्यादा है नहीं उतर रहा तो अगले दिन भी आप नारियल पानी 1 घंटे के बाद मुसम्मी का जूस और बीच में आप खीरा टमाटर का सलाद दीजिए खाने के लिए। तीसरे दिन बुखार में एक गिलास नारियल पानी और मुसम्मी का जूस दीजिए दोपहर में सलाद दीजिए और फिर खाना खाईए बुखार उतर गया होगा।
मैं पल्लवी श्रीवास्तव सीतापुर मोबाइल वाणी से जिले में प्रवेश करने वाले लोगों को अब देश के विशिष्ट महापुरुषों की गाथाओं का स्मरण होगा। उनकी गाथाओं और शिक्षा को जन जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से जिले की सीमाओं पर उनके नाम से स्मृति द्वार बनाये जाएंगे। जिससे जिले में प्रवेश करने वाले लोग उन्हें नमन कर सकेंगे। इसके लिए जिला प्रशासन को प्रस्ताव और बजट मिल गया है। दो स्मृति द्वार बनकर तैयार भी हो चुके हैं। विधान परिषद की निधि से इन स्मृति द्वारों का निर्माण कराया जा रहा। इस काम पर 94 लाख 46 हजार रुपये खर्च होंगे। इस कार्य को कराने के लिए स्टीमेट के अनुसार 56.80 लाख रुपये की पहली किस्त कार्यदायी संस्था को भेजी गई है। विधान परिषद निधि से जिले की सीमाओं पर छह स्मृति द्वार बनाने के लिए धनराशि दी गई है।
मैं पल्लवी श्रीवास्तव सीतापुर मोबाइल वाणी से सहकारी समिति कर्मचारी संघ ने गुरुवार को हड़ताल शुरू की। इससे समितियों पर ताले लटकते रहे। समितियों में खाद लेने के लिए पहुंचे किसानों को बैरंग लौटना पड़ा। धान क्रय केंद्रों पर भी तौल नहीं हो सकी। संघ की विभिन्न जरूरी मांगों के निस्तारण में जिम्मेदारों की लापरवाही से समिति सचिवों में नाराजगी है। वह बीते माह भी हड़ताल कर चुके हैं। इसके बाद हुई समझौता वार्ता पर भी अमल नहीं किया गया। हालांकि देर शाम एडीएम से हुई वार्ता के बाद हड़ताल समाप्त कर दी गई। यूपी सहकारी समिति कर्मचारी संघ के आह्वान पर समितियों मेंं तालाबंदी रही। संघ का दावा है कि 204 सहकारी समितियों और 128 धान क्रय केंद्रों में पूर्णत: बंदी रही। लहरपुर मंडी समिति में स्थित चार धान क्रय केंद्रों पर धान की खरीद ठप रही, वहीं समितियों पर किसानों को खाद न मिल पाने के कारण मायूसी का सामना करना पड़ा।
मैं पल्लवी श्रीवास्तव सीतापुर मोबाइल वाणी से जिले की जल प्रबंधन प्रणाली अब सिंगापुर मॉडल की तर्ज पर दुरुस्त होगी। इसके लिए सीतापुर नगर पालिका के ईओ वैभव त्रिपाठी को प्रशिक्षण के लिए चुना गया है। वह ट्रेन द ट्रेनर प्रोग्राम के तहत नई दिल्ली स्थित इंडिया हैबिटेट सेंटर में आगामी 22 व 23 नवंबर का प्रशिक्षण के लिए जाएंगे। भारत सरकार के इस कार्यक्रम के लिए उत्तर प्रदेश से मात्र दो अधिकारियों को नामित किया गया है। जिसमें से एक सीतापुर नगर पालिका के ईओ वैभव त्रिपाठी हैं। ईओ वैभव त्रिपाठी ने बताया कि भारत सरकार के इस कार्यक्रम का हिस्सा बनना गौरव की बात है। सिंगापुर को उसकी जल प्रबंधन प्रणाली के लिए जाना जाता है। आज सीतापुर व अन्य शहरों में बड़े पैमाने पर जल प्रबंधन संबंधी समस्याएं मौजूद हैं। ऐसी स्थिति कभी सिंगापुर में भी रही है। सिंगापुर ने अपना एक खास जल प्रबंधन मॉडल विकसित किया है।
उत्तर प्रदेश राज्य के सीतापुर जिला के रामीपुर गावं से रामतीर्थ तिवारी बतातें है कि उनको सरकार से पेंशन नहीं मिलता है। जिसके कारण बहुत असुबिधा होती है
सीतापुर जिले के संदना थाना क्षेत्र में खेत जुतवाने गए नेवादा खुर्द निवासी इंदल (52) पुत्र जवाहर की रोटावेटर से कटकर मौत हो गयी। घटना के बाद उसके साथी ट्रैक्टर चालक इंदल के शव को पड़ोस के गन्ने के खेत मे फेंककर मौके से फरार हो गये। काफी खोजबीन के बाद रात ग्यारह बजे परिजनो को इंदल का शव गन्ने के खेत मे मिला जिसको परिजनों द्वारा आनन फानन जिला अस्पताल ले जाया गया। जहां पर डॉक्टरों ने इंदल को मृत घोषित कर दिया। इंदल के परिजन दो ग्रामीणों पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं। घटना के बाद से मृतक की पत्नी समेत बेटियों का रो-रोकर बुरा हाल है। मृतक के छः बेटियां थी जिनमें चार की शादी हो गयी। गांव में सैकड़ों लोगों की भीड़ इकट्ठा है। जो पत्नी समेत रोती बिलखती बेटियों को ढांढस बंधाने में जुटे हैं।
यातायात माह के तहत विभाग में एक करोड़ 23 लाख रूपए राजस्व सिर्फ 15 दिन में वसूल कर लिया है। यातायात माह की शुरुआत 1 नवंबर ऐसे हो चुकी है। यह पर्व होने के बावजूद यातायात विभाग ने एक करोड़ 23 लाख 62 हजार ₹800 का चालान काटते हुए राजस्व की प्राप्ति की है। लगातार यह अभियान चल रहा है। फिर भी लोग यातायात नियमों का उल्लंघन करने से बाज नहीं आ रहे हैं। यातायात निरीक्षक फरीद अहमद ने बताया कि पिछली बार सीतापुर जिला चालान काटने और राजस्व के मामले में प्रदेश में चौथे स्थान पर रहा था। इस बार अब तक की 11हजार 214 चालान भी किए गए हैं। कोशिश यही है कि इस बार विभाग पहले स्थान पर रहे।
सीतापुर का का मंडी भाव
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