इस कार्यक्रम में हम जलवायु परिवर्तन के कारण बदलते मौसम और असमान बारिश के पैटर्न से उत्पन्न हो रहे जल संकट पर चर्चा करेंगे। "मौसम की मार, पानी की तकरार" से लेकर "धरती प्यासी, आसमान बेपरवाह" जैसे गंभीर मुद्दों पर गहराई से विचार किया जाएगा। हम समझेंगे कि कैसे सूखा और बाढ़ दोनों ही हमारे जल संसाधनों को प्रभावित कर रहे हैं, और इन समस्याओं से निपटने के लिए सामूहिक और व्यक्तिगत स्तर पर क्या समाधान हो सकते हैं। हम आपसे जानना चाहते हैं – आपके इलाक़े में पानी की क्या स्थिति है? क्या आपने कोई जल संरक्षण के उपाय अपनाए हैं? या आप इस दिशा में कोई क़दम उठाने की सोच रहे हैं?

साथियों, आपके यहां पानी के प्रदूषण की जांच कैसे होती है? यानि क्या सरकार ने इसके लिए पंचायत या प्रखंड स्तर पर कोई व्यवस्था की है? अगर आपके क्षेत्र में पानी प्रदूषित है तो प्रशासन ने स्थानीय जनता के लिए क्या किया? जैसे पाइप लाइन बिछाना, पानी साफ करने के लिए दवाओं का वितरण या फिर पानी के टैंकर की सुविधा दी गई? अगर ऐसा नहीं हो रहा है तो आप कैसे पीने के पानी की सफाई करते हैं? क्या पानी उबालकर पी रहे हैं या फिर उसे साफ करने का कोई और तरीका है? पानी प्रदूषित होने से आपको और परिवार को किस किस तरह की दिक्कतें आ रही हैं?

मध्यप्रदेश राज्य के पन्ना जिला से मोबाइल वाणी के संवाददाता मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि उनके द्वारा 7 फ़रवरी 2024 को मोबाइल वाणी पर एक खबर रिकॉर्ड करायी गयी थी। जिसमें बताया गया था कि पन्ना जिले में बज रहे तेज विस्तार ध्वनि यंत्रों (डीजे) से परेशान छात्रों को जिन की 10वीं 12वीं की परीक्षाएं आरंभ हो चुकी थी किंतु जिला प्रशासन तेज आवाज बज रहे तेज विस्तार ध्वनि यंत्रों को बंद करने में नाकाम साबित हो रहा था। खबर के प्रसारण के बाद खबर को संबंधित अधिकारी के साथ शेयर किया गया तत्पश्चात संबंधित अधिकारी जिला कलेक्टर हरजिंदर सिंह खबर को संज्ञान में लेते हुए दिशा निर्देश जारी किया और पन्ना पुलिस के द्वारा डीजे जप्त कर लिए गए है।

नमस्कार दोस्तों , मैं अहमद खान जिला पन्ना , मध्य प्रदेश हूं पन्ना जिला प्रशासन की लापरवाही के कारण छात्रों की शिक्षा प्रभावित हो रही है । नियंत्रण कानून लागू होने के बाद भी जिला प्रशासन ध्वनि उपकरणों पर कार्रवाई करने में विफल रहा है , जिसके कारण दसवीं और बारहवीं कक्षा के छात्र ध्वनि नहीं सुन पा रहे हैं । चल रही परीक्षा में पढ़ाई का नुकसान होता है । तेज आवाज के कारण छात्र भी हतोत्साहित होते हैं । वे ठीक से पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं , इसलिए जिला प्रशासन को तुरंत बीजे ऑपरेटरों के खिलाफ कार्रवाई करें दिशानिर्देशों के कारण , पन्ना जिले में रात 10 बजे के बाद कोई ध्वनि प्रवर्धक नहीं चलाया जाएगा , लेकिन लगातार बीजे बजाया जाएगा । संचालकों द्वारा नियमों के खिलाफ बीज खेले जा रहे हैं , जिसका बच्चों की शिक्षा पर बड़ा प्रभाव पड़ रहा है । अब यह देखा जाएगा कि जिला प्रशासन इस पर क्या ध्यान देता है ।

हमारे देश भारत में नादिओ को मां माना जाता है आज हमाये शहर पन्ना में जो किलकिला नदी है उसका पानी एक समय में लोग पीते थे पर अब नही पीते पानी प्रदूषित हो गया है हम सब चाहते है को सरकार किलकिला नदी को साफ करवाए और पानी फिर से उपयोग करने योग हो जाए

हमारे देश भारत में नादिओ को मां कहा जाता है लेकिन आज हमारे पन्ना जिले की किलकिला नदी को की पुरी तरह प्रदूषित हो गई है इसका पानी पीने योग्य नहीं है हम सब चाहते है को सरकार द्वारा ठोस कदम उठाया जाए और इस नदी को साफ कराया जाए जिससे को पानी उपयोग करने योग्य हो जाए

ध्वनि विस्तारक यंत्रों पर रोक कर ध्वनि प्रदूषण को बढ़ने से रोकना।

मध्य प्रदेश राज्य के पन्ना जिले के फातिमा ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया की कचरें और नाली की समस्या से परेशान है लोग

दीपावली दियों से या धमाकों से? अबकि दीवाली पर हमें यह सोचना ही होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि हमारे शहरों की हवा हमारे इस उत्साह को शायद और नहीं झेल पा रही है। हवा इतनी खराब है कि सांस लेना भी मुश्किल हो रहा है। भारत की राजधानी दिल्ली इस मामले में कुछ ज्यादा बदनाम है। दुनिया के सबसे अधिक प्रदूषित जगहों में शामिल दिल्ली में प्रदूषण इतना अधिक है कि लोगों का रहना भी यहां दूभर हो रहा है।