सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में...

सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में...

सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में...

सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में।

कोविशील्ड बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया की स्वीकारोकती के बाद सवाल उठता है, कि भारत की जांच एजेंसियां क्या कर रही थीं? इतनी जल्दबाजी मंजूरी देने के क्या कारण था, क्या उन्होंने किसी दवाब का सामना करना पड़ रहा था, या फिर केवल भ्रष्टाचार से जुड़ा मामला है। जिसके लिए फार्मा कंपनियां अक्सर कटघरे में रहती हैं? मसला केवल कोविशील्ड का नहीं है, फार्मा कंपनियों को लेकर अक्सर शिकायतें आती रहती हैं, उसके बाद भी जांच एजेंसियां कोई ठोस कारवाई क्यों नहीं करती हैं?

सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में।

भारत का आम समाज अक्सर सरकारी सेवाओं की शिकायत करता रहता है, सरकारी सेवाओं की इन आलोचनाओं के पक्ष में आम लोगों सहित तमाम बड़े बड़े अर्थशास्त्रियों तक का मानना है कि खुले बाजार से किसी भी क्षेत्र में काम कर रही कंपनियों में कंपटीशन बढ़ेगा जो आम लोगों को बेहतर सुविधाएं देगा। इस एक तर्क के सहारे सरकार ने सभी सेवाओं को बाजार के हवाले पर छोड़ दिया, इसमें जिन सेवाओं पर इसका सबसे ज्यादा असर हुआ वे शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार पर पड़ा है। इसका खामियाजा गरीब, मजदूर और आम लोगों को भुगतना पड़ता है।

कांग्रेस नेता अतुल रेकवर पन्ना बागेश्वर धाम से लौटते समय अस्पताल पहुंचे । यह इस मार्ग में दो हजार चौबीस से शाम के लगभग चार बजे तक छपर मोड़ के पास था , बुलेरू के चेहरे पर आगंतुक घायल हो गए थे , यह कहा गया था कि बहरदी पुलिस स्टेशन सतना निवासी बुलेरू में बागेश्वर धाम के दस लोग सवार थे ।विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

सिविल सर्जन डॉक्टर आलोक गुप्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि चौकी के रिनोवेशन के काम के लिए प्रशासकीय सुकृति मिल चुकी है। लोकसभा चुनाव संपन्न होने के बाद आदर्श आचार संहिता समाप्त होते ही काम शुरू किया जाएगा। बता दें कि जिला चिकित्सालय प्रांगण कि खस्ताहाल पुलिस चौकी की वजह से पुलिस स्टाफ चौकी के अंदर बैठने में परेशानी महसूस करते हैं। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

हिनौता में पैदल घर जा रहे युवक को अज्ञात बाइक सवार ने मारी टक्कर,हुआ घायल, सिविल अस्पताल में इलाज जारी! हिनौता गांव में पैदल घर जा रहे युवक को अज्ञात बाइक सवार द्वारा टक्कर मार देने से घायल हो जाने का घटनाक्रम सामने आया है। बताया जा रहा गोविंद पिता परमानंद प्रजापति उम्र 18 साल निवासी हिनौता जोकि पैदल घर की ओर जा रहा था तभी अज्ञात बाइक सवार टक्कर मारकर भाग गया, घटना में युवक घायल हो गया जिसे परिजनों द्वारा निजी वाहन से इलाज के लिए सिविल अस्पताल लाया गया जहां उसका इलाज जारी है!