कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में पहले दिन हीरा नीलामी में बिके 83 लाख 51 हजार 806 रूपए कीमत एवं 78.54 कैरेट वजन के 36 हीरे। कलेक्टर हरजिंदर सिंह ने किया निरीक्षण। कलेक्ट्रेट स्थित हीरा कार्यालय में हीरा नीलामी शुरू हुई। जिला कलेक्टर के निर्देशन में आज प्रथम नीलामी में उथली हीरा खदानों से प्राप्त 124.27 कैरेट वजन के कुल 76 हीरों को विक्रय के लिए रखा गया, जिसमें 83 लाख 51 हजार 806 रूपए कीमत एवं 78.54 कैरेट वजन के 36 हीरों का विक्रय किया गया। कलेक्टर हरजिंदर सिंह ने कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में पहुंचकर हीरा नीलामी प्रक्रिया का अवलोकन भी किया। बतादे कि उक्त हीरा नीलामी तीन दिनों तक चलेगी जिसमें दूर-दूर से हीरा व्यापारी इन हीरो की नीलामी में शामिल होने के लिए आए हैं।

1. उथली हीरा खदानों से प्राप्त हीरो की नीलामी शुरू। 2. पहले दिन रखे गए 30 ट्रे के माध्यम से 76 नग हीरे। 3. आकर्षण का केंद्र बना 14 केरेट 21 सेंट का हीरा। 4. दिल्ली, मुम्बई, गुजरात और सूरत से हीरा व्यपारी हुए शामिल। एंकर :- पन्ना जिले में उथली हीरा खदानों से प्राप्त 156 नग हीरो की नीलामी हीरा कार्यालय में आज से शुरू हो गई है जो 23 फरवरी तक चलेगी इस नीलामी मे 286.41 कैरेट के छोटे बड़े उज्ज्वल, मटमैले आदि किस्म के हीरे रखे जाएंगे जिनकी अनुमानित कीमत 5 करोड़ रुपये है। वही आज नीलामी के पहले दिन हीरा व्यपारियो के लिए हीरो की प्रदर्शनी लगाई गई। जिसमे हीरा व्यपारियो को हीरे दिखाए गए। इसके बाद पहले दिन की नीलामी शुरू हुई जिसमें 30 ट्रे के माध्यम से 76 नग हीरे पहले दिन नीलामी में रखे गए। वही हीरो की नीलामी में सूरत, गुजरात, मुंबई राजस्थान आदि स्थानों से हीरा व्यापारी शामिल हुए।

Transcript Unavailable.

wildlife

Transcript Unavailable.

Transcript Unavailable.

Transcript Unavailable.

Transcript Unavailable.

पूरे प्रदेश में तीन दिवसीय गिद्दों की गणना का काम प्रदेश के सभी वन क्षेत्रों में किया गया। जिसको लेकर पन्ना जिले के जंगलो में भी तीन दिन समाजसेवियों और वन्यजीव विशेषज्ञाओं ने गिद्दों की गणना का काम पन्ना टाइगर रिजर्व सहित उत्तर एवं दक्षिण वन मंडल में एक साथ सुरु किया। जिसमे परिणाम सामने आ चुके है और पन्ना के जंगलो में पिछले वर्ष की अपेक्षा अधिक गिद्ध पाए गए। प्रदेश व्यापी गणना का काम एक साथ समूचे प्रदेश के वन क्षेत्रों में शुरू की गई। इसी क्रम में पन्ना के जंगलो में भी गिद्दों की गणना का काम पन्ना टाइगर रिजर्व सहित उत्तर व दक्षिण वन मंड़ल में एक साथ प्रारंभ किया गया। जिसमे सैकड़ो की संख्या में लोगो ने इसमें हिस्सा लिया। सुबह से पन्ना टाइगर रिजर्व के फील्ड डारेक्टर की मौजूदगी में क्षेत्र में गिद्दों की गणना की। इसी प्रकार उत्तर वन मंड़ल व दक्षिण वन मंडल में भी गणना का काम किया गया और आज तीनो वन क्षेत्रों से गिद्दों की कंप्लीट गणना के आंकड़े भी सामने आ गए। फील्ड डायरेक्टर का कहना है कि पन्ना टाइगर रिजर्व में गिद्धों की संख्या की बात करे तो पिछले वर्ष टाईगर रिजर्व में 666 के लगभग थी। जो बढ़कर इस वर्ष 935 हो गई है। जिसमे 827 वयस्क और 108 अवयस्क गिद्ध पाए गए है। साथ ही पन्ना टाइगर रिजर्व में 7 प्रकार के गिद्धों की प्रजाति पाई गई है और 68 गिद्धों के स्थल चिन्हित किये गए है। इसी प्रकार उत्तर वन मंड़ल और दक्षिण वन मंडल क्षेत्र में पिछली वर्ष की अपेक्षा बढ़ी है। जिस प्रकार से गिद्धों की संख्या पन्ना के जंगलों व पन्ना टाइगर रिजर्व क्षेत्र में बढ़ रही उससे प्रबंधन में खुशी का माहौल है।

धरमपुर ठेका के कर्मचारियों के द्वारा सिंहपुर पहुंचाई जा रही थी शराब पन्ना, एमपीजेएस न्यूज | ने जिले के अजयगढ़ थाना पुलिस ने ससे अवैध शराब के जखीरे के साथ एक हित बोलेरो वाहन जप्त कर 2 आरोपियों को गिर गिरफ्तार किया है। प्रकरण के संबंध में प्राप्त गया जानकारी के अनुसार मुखबिर की सूचना पर थाना प्रभारी अजयगढ़ उप निरीक्षक बीएल पाण्डेय के द्वारा पुलिस टीम के साथ ग्राम सिंहपुर की धान मिल के पास ने पहुंचकर बोलोरो गाड़ी की घेराबंदी कर की तलाशी ली गई जिसमें 5 पेटी अंग्रेजी गोवा नाल जा लक व्हिस्की और 1 पेटी रॉयल स्टैग की शराब पुलिस थाना अजयगढ़ जिला:- पन्ना (म.प्र.) थाना अजयगढ़ जिला पन्ना (म.प्र.) पाई गई। शराब के संबंध में कोई दस्तावेज नहीं पाए जाने पर आरोपी अभिषेक उपाध्याय निवासी मझगवां जिला सतना हाल निवासी धरमपुर और लल्लू राम उर्फ रज्जू यादव निवासी ग्राम भारतपुर थाना कालिंजर जिला बांदा हाल निवास धरमपुर को गिरफ्तार कर आबकारी अधिनियम के तहत धारा 34 ( 2 ) के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार यह दोनों आरोपी धरमपुर शराब ठेकेदार के कर्मचारी हैं जो ठेके की शराब गांव-गांव पहुंचाने का काम करते हैं। नियम अनुसार दोनों आरोपियों के साथ ठेकेदार पर भी कार्रवाई होनी चाहिए लेकिन फिलहाल पुलिस के द्वारा ठेकेदार के नाम प्रकरण दर्ज नहीं किया गया जिससे कार्रवाई पर सवाल खड़े हो रहे हैं। जैसा कि हर बार अवैध शराब और अवैध रेत के मामले में केवल छोटे कारोबारी या कर्मचारी पर ही कार्रवाई होती है, हर बार बड़े माफियाओं को बचा दिया जाता है, जिससे रोकथाम के तमाम प्रयासों के बावजूद अवैध शराब और अवैध रेत का काला कारोबार धड़ल्ले से जारी है।