"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ कपिल देव शर्मा धान की सीधी बुवाई तकनीक से होने वाले कई लाभ के बारे में जानकारी दे रहे हैं। विस्तारपूर्वक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें

दोस्तों, एक बार फिर से उन्हीं दिनों को जीने की कोशिश करते हैं अपने बच्चों के संग उनके बचपन को एक त्यौहार की तरह मनाते हुए हंसते हुए, खेलते हुए, शोर मचाते बन जाते हैं उनके दोस्त और जानने की कोशिश करते हैं इस बड़ी सी दुनिया को उनकी आंखों से | घर और परिवार ही बच्चों का पहला स्कूल है और माता पिता दादा दादी और अन्य सदस्य होते हैं उनके दोस्त और टीचर हो. साथ में ये भी कि बच्चों के दिमाग का पचासी प्रतिशत से अधिक विकास छह वर्ष की आयु तक हो जाता है.

आपका पैसा आपकी ताकत की आज की कड़ी में हम सुनेंगे और जानेंगे समूह व बैंक ,माइक्रो फाइनेंस समूह से लोन लेने से जुड़ी जानकारी..

यह नौकरी उन लोगों के लिए है जो भारतीय डाक सर्किल द्वारा निकाली गयी ब्रांच पोस्ट मास्टर, असिस्टेंट ब्रांच पोस्ट मास्टर, एवं डाक सेवक के पद पर कार्य करने के लिए इच्छुक हैं। तीनों पदों पर कुल 44,228 रिक्तियां निकाली हैं। इन पदों के लिए मासिक वेतन 10,000 से 30,000 रूपए रखा गया है। वैसे उम्मीदवार इन पदों के लिए आवेदन कर सकते हैं, जिन्होंने किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से मैट्रिक पास किया हो।साथ ही आवेदन कर्ता की आयु 18 से 40 वर्ष के बीच होनी चाहिए। इन पदों के लिए आवेदन शुल्क सामान्य वर्ग के लिए 100 रूपए तथा आरक्षित वर्ग एवं महिलाओं के लिए निशुल्क रखा गया है। इच्छुक उम्मीदवार को अपना आवेदन ऑनलाइन भरना होगा। अधिक जानकारी के लिए आवेदन कर्ता इस वेबसाइट पर जाकर जानकारी ले सकते हैं, वेबसाइट है www.indiapostgdsonline.gov.in/आवेदनकर्ताओं का चयन मेरिट लिस्ट के आधार पर किया जायेगा। याद रखिये आवेदन करने की अंतिम तिथि 05/08/2024 है।

सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में...

"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ कपिल देव शर्मा नींबू के फसल के बारे में जानकारी दे रहे हैं। विस्तारपूर्वक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें

मोटाभाई ने महज एक शादी में जितना खर्च किया है, वह उनकी दौलत 118 बिलियन डॉलर का 0.27 है। जबकि उनकी दौलत कृषि संकट से जूझ रहे देश का केंद्रीय बजट का 7.5 प्रतिशत से भी कम है। जिस मीडिया की जिम्मेदारी थी कि वह लोगों को सच बताएगा बिना किसी का पक्ष लिए, क्या यह वही सच है? अगर हां तो फिर इसके आगे कोई सवाल ही नहीं बनता और अगर यह सच नहीं तो फिर मीडिया द्वारा महज एक शादी को देश का अचीवमेंट बताना शुद्ध रूप से मुनाफे से जुड़ा मसला है जो विज्ञापन के रुप में आम लोगों के सामने आता है। क्योंकि मीडिया का लगभग पचास प्रतिशत हिस्सा तो मोटाभाई का खुद का है और जो नहीं है वह विज्ञापन के लिए हो जाता है "कर लो दुनिया मुट्ठी में” की तर्ज पर। दोस्तों, इस मुद्दे पर आप क्या सोचते है ?अपनी राय रिकॉर्ड करें मोबाईलवाणी पर, अपने फोन से तीन नंबर का बटन दबाकर या फिर मोबाईल का एप डाउनलोड करके।

उत्तरप्रदेश राज्य के कुशीनगर जिला से निखिलेश प्रताप सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि लैंगिक असमानता समाज के लिए एक अभिशाप है और इस अभिशाप से बचने के लिए हमें महिलाओं और उनके काम को स्वतंत्रता देनी होगी। हमें लैंगिक असमानता को समाप्त करने के लिए जन जागरूकता अभियान शुरू करके समाज से लैंगिक असमानता को उखाड़ फेंकने की आवश्यकता है। लैंगिक असमानता के खिलाफ सरकार के अभियान के साथ-साथ हमें सामुदायिक स्तर पर और जमीनी स्तर पर एक व्यापक अभियान की आवश्यकता है। लोगों को लैंगिक असमानता के दुष्प्रभावों के बारे में भी जागरूक करने की आवश्यकता है। यह वह अभिशाप है जिसे हम अथक प्रयासों के बाद ही समाप्त कर सकते हैं।

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला कुशीनगर से निखिलेश कुमार सिंह , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि महिला सशक्तिकरण हम सभी के लिए और आने वाले विकसित भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। समाज में महिलाओं की पहचान और उनके अधिकारों के साथ-साथ एक अलग दर्जा स्थापित करना हम सभी के लिए एक बड़ी चुनौती है। महिलाओं को उनके अधिकारों से लगातार वंचित करना और उन्हें ऊंचे और निचले स्तर से भेदभाव करते हुए देखना समाज में किसी अपराध से कम नहीं है, जहां महिलाएं चांद तक पहुंचती हैं। इस तथ्य के बावजूद कि महिलाएं हर संवैधानिक पद पर काबिज हैं, महिलाएं अभी भी अपने अधिकारों और अधिकारों की प्रतीक्षा कर रही हैं। हमें महिला सशक्तिकरण के लिए जन जागरूकता अभियान शुरू करने की आवश्यकता है जैसे हमने अपनी स्वतंत्रता के लिए हर सड़क के कोने में युद्ध लड़ा था, उसी तरह हमें सड़कों पर चौपाल, जन जागरूकता रैलियों आदि के माध्यम से लोगों को महिला सशक्तिकरण के बारे में जागरूक करना है। ऐसा करने की आवश्यकता है ताकि इस व्यापक जागरूकता का प्रभाव सीधे समाज पर दिखाई दे। आज महिला सशक्तिकरण के बारे में लाखों दावे हो सकते हैं, लेकिन जमीनी हकीकत बहुत कम है।

"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के अंतर्गत कृषि विशेषज्ञ जीव दास साहू ,ज्वार के फसल के लिए मिट्टी एवं बीज का चयन और बीज शोधन की जानकरी दे रहे हैं। ज्वार के फसल से जुड़ी कुछ बातें किसानों को ध्यान में रखना ज़रूरी है। इसकी पूरी जानकारी सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें.