उत्तर प्रदेश में कुपोषण दूर करने के उद्देश्य से आंगनवाड़ी के तहत सूखा राशन दिया जाता है, जिसे अनुपूरक पुष्टाहार कहते हैं। यह पुष्टाहार 6 महीने से 6 साल तक के बच्चों, गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं कुपोषित बच्चों और 11 से 14 साल की किशोरियों को दिया जाता है। लेकिन सरकार के निर्देशों का पलीता लगाने में जुटी है आंगनवाड़ी कार्यकर्ता। जनकारी के मुताबिक़ आंगनवाड़ी कार्यकर्ता द्वारा बार बार लापरवाही बरतने के कारण महिलाओं ने आवाज उठाई। कुशीनगर जिले के विशुनपुरा थाना क्षेत्र के ग्राम सभा अमही आंगनबाड़ी केंद्र पर बच्चों व गर्भवती लाभार्थियों को ड्राई राशन व दाल, चावल, रिफाइंड तेल आदि के वितरण में लापरवाही को लेकर गांव की महिलाओं ने प्रदर्शन किया। प्रत्येक माह लाभार्थियों को निर्धारित मात्रा में चावल, गेहूं व दाल का वितरण स्वयं सहायता समूह एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के हाथों वितरित करने का शासन से फरमान जारी हुआ था। इसमें बच्चों व गर्भवती महिलाओं को देशी घी व मिल्क पाउडर, रिफाइंड तेल, चावल, दाल आदि चीजों का वितरण भी किया जाना है। इसके बावजूद कुशीनगर जिले के दुदही ब्लाक के अमही में लाभार्थियों को राशन नहीं मिल पाया है। जिसको लेकर गांव की दर्जनों महिलाओं ने विरोध प्रदर्शन किया। गांव के कोटेदार की मानें तो गांव में राशन का उठान आंगनबाड़ी द्वारा बराबर किया गया है। लेकिन लाभार्थी राशन के लिए आंगनबाड़ी केंद्र के चक्कर काटने को विवश हैं। महिला का आरोप है की आंगनबाड़ी कार्यकत्री सरोज देवी पिछले 6 माह से किसी को राशन नही दे रही है सारा राशन ब्लैक मार्केट में बेच दे रही है। इस मौके पर रोजा खातून, समीना खातून बच्चे का नाम रेहान, समेत दर्जनों महिलाए अपने बच्चो के साथ मौजूद रहे।